मुंबई। महाराष्ट्र के नवी मुंबई के डॉ. नानासाहेब धर्माधिकारी अस्पताल में दो शव बदली हो जाने से हडक़ंप मच गया। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने स्थिति को संभाल लिया और दोनों परिवार वालों को एक साथ अंतिम संस्कार के लिए मना लिया, जिससे मामला शांत हुआ। डॉ. नानासाहेब धर्माधिकारी नामक नवी मुंबई के पनवेल उपजिला अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी अशोक गीते ने शनिवार को बताया कि 20 अक्टूबर को खारघर के सुशांत मल्लम और न्यू पनवेल के सुरक्षा रक्षक बिशना रावत, इन दोनों ने आत्महत्या की थी। दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए लाए गए थे।
चिकित्सकों ने बिशना रावत के परिजनों को शव ले जाने को कहा। रावत के परिजनों ने वीडियो के सामने शव की पहचान की और सुशांत मल्लम का शव लेकर चले गए और अंतिम संस्कार भी कर दिया। जबकि सुशांत के परिजन नेपाल में होने के कारण चार दिन बाद शुक्रवार को अस्पताल पहुंचे और शव को पहचानने से इनकार कर दिया। चूंकि दोनों परिवार नेपाली थे और एक ही दिन घटना हुई थी, इसलिए अस्पताल प्रशासन से यह चूक हुई। इसके बाद बिशना रावत के परिवार वालों को अस्तपाल में बुलाया गया और दोनों परिवारों को एक साथ बिसना रावत का अंतिम संस्कार के लिए राजी कर लिया गया। अशोक गीते ने कहा कि यह अस्पताल प्रशासन की गलती है, जिसे हम स्वीकार करते हैं। साथ ही अस्पताल के लिए यह एक सबक भी है।
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