भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भविष्य अब और तेज होने वाला है। गूगल और रिलायंस जियो ने 30 अक्टूबर 2025 को एक ऐतिहासिक साझेदारी की घोषणा की है। इस करार के तहत लगभग 500 मिलियन योग्य जियो यूजर्स को अगले 18 महीनों तक करीब 35,100 रुपये मूल्य के प्रीमियम AI टूल्स बिल्कुल मुफ्त मिलेंगे। यह सिर्फ एक मुफ्त ऑफर नहीं है, बल्कि भारत की AI पहुंच और डिजिटल क्षमता को नई ऊंचाई देने की रणनीति है।   
   
   
     
क्या मिलेगा फ्री: युवाओं के लिए सबसे बड़ा डिजिटल गिफ्ट
     
इस योजना के तहत 18 से 25 वर्ष के जियो यूजर्स को गूगल का सबसे एडवांस AI मॉडल Gemini 2.5 Pro फ्री मिलेगा। इसके साथ Nano Banana और Veo 3.1 जैसे एडवांस इमेज और वीडियो जेनरेशन टूल्स का एक्सेस भी दिया जाएगा। इसके अलावा गूगल फोटो, जीमेल और ड्राइव में 2 TB क्लाउड स्टोरेज और नोटबुक LM जैसी स्टडी एवं रिसर्च सर्विस भी फ्री मिलेगी।
   
   
   
यह सब वही सेवाएं हैं जिनकी कीमत आमतौर पर हर महीने हजारों में होती है, लेकिन अब भारतीय युवाओं को यह तकनीक बिना खर्च उपलब्ध होगी।
   
   
   
कैसे मिलेगा फायदाइस लाभ का फायदा उठाने के लिए जियो यूजर्स माय जियो ऐप में "Claim Now" बटन पर क्लिक कर सकते हैं। शर्त सिर्फ इतनी है कि यूजर के पास अनलिमिटेड 5G प्लान होना चाहिए, जिसकी कीमत 349 से शुरू होती है। प्लान एक्टिव रहते ही सभी बेनिफिट्स मिलते रहेंगे।
   
   
   
भारत के डिजिटल भविष्य के लिए बड़ा कदमभारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ से अधिक है और डिजिटल सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। AI की लागत युवाओं और छात्रों के लिए सबसे बड़ा अवरोध थी, जिसे इस साझेदारी ने हटाने का प्रयास किया है। यह कदम भारत के "AI for All" विजन को मजबूती देता है और देश को ग्लोबल AI मैप पर और प्रभावी बनाता है।
   
   
   
Google का 15 बिलियन डॉलर का मेगा निवेशइस फ्री प्लान की एक बैकस्टोरी भी है। गूगल इससे पहले आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में पांच वर्षों में 15 बिलियन डॉलर का निवेश कर भारत का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर बनाने की घोषणा कर चुका है। यह गूगल का अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा AI सेंटर होगा और भारत के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का नया दौर शुरू करेगा।
   
   
   
एंटरप्राइज लेवल पर भी बड़ा गेम
   
जियो न सिर्फ यूजर्स को लाभ दे रहा है, बल्कि गूगल क्लाउड के साथ मिलकर भारतीय कंपनियों को भी गूगल के AI हार्डवेयर TPU सिस्टम तक एक्सेस दे रहा है। इससे भारतीय कंपनियों को डेटा देश में ही रखकर बड़े AI मॉडल ट्रेन करने में मदद मिलेगी, जिससे डेटा सुरक्षा भी मजबूत होगी।
   
   
   
भारत का AI मार्केट: तेज मुकाबले की शुरुआतभारत का AI बाजार 2024 में 55,000 करोड़ रुपये था, जो 2027 तक तीन गुना होकर 1,45,384 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। यही कारण है कि OpenAI और माइक्रोसॉफ्ट भी भारत में जोर लगा रहे हैं। लेकिन जियो के 500 मिलियन यूजर्स और गूगल की AI टेक का मेल इस रेस में उन्हें बढ़त देता है। साथ ही भारत में गवर्नमेंट AI रेगुलेशन भी आ रहे हैं, इसलिए यह साझेदारी सही समय पर लॉन्च की गई है।
   
   
   
आपकी जेब और भविष्य पर असरयह योजना युवाओं के लिए बड़ी बचत लेकर आएगी क्योंकि 1,925 रुपये प्रति माह वाले प्रीमियम AI टूल्स अब फ्री मिलेंगे। जियो यूजर्स के लिए यह 5G प्लान रखने का और बड़ा कारण बन जाएगा, जबकि देश के स्टार्टअप और डेवलपर को भी AI टूल्स के साथ प्रयोग करने का मौका मिलेगा।
   
   
   
आगे क्या होगाशुरू में यह सुविधा 18–25 उम्र वालों को मिल रही है, लेकिन जल्दी ही इसे सबके लिए लागू किया जा सकता है। 2026 तक जियो यूजर्स का बड़ा हिस्सा Gemini AI इस्तेमाल करता नजर आ सकता है, जिससे भारत में AI यूसेज का पैटर्न भी साफ होगा। गूगल का विशाखापट्टनम प्रोजेक्ट 2026 से शुरू होगा, जो भारत को AI हब के रूप में स्थापित कर सकता है।
   
   
   
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
   
  
क्या मिलेगा फ्री: युवाओं के लिए सबसे बड़ा डिजिटल गिफ्ट
इस योजना के तहत 18 से 25 वर्ष के जियो यूजर्स को गूगल का सबसे एडवांस AI मॉडल Gemini 2.5 Pro फ्री मिलेगा। इसके साथ Nano Banana और Veo 3.1 जैसे एडवांस इमेज और वीडियो जेनरेशन टूल्स का एक्सेस भी दिया जाएगा। इसके अलावा गूगल फोटो, जीमेल और ड्राइव में 2 TB क्लाउड स्टोरेज और नोटबुक LM जैसी स्टडी एवं रिसर्च सर्विस भी फ्री मिलेगी।
यह सब वही सेवाएं हैं जिनकी कीमत आमतौर पर हर महीने हजारों में होती है, लेकिन अब भारतीय युवाओं को यह तकनीक बिना खर्च उपलब्ध होगी।
कैसे मिलेगा फायदाइस लाभ का फायदा उठाने के लिए जियो यूजर्स माय जियो ऐप में "Claim Now" बटन पर क्लिक कर सकते हैं। शर्त सिर्फ इतनी है कि यूजर के पास अनलिमिटेड 5G प्लान होना चाहिए, जिसकी कीमत 349 से शुरू होती है। प्लान एक्टिव रहते ही सभी बेनिफिट्स मिलते रहेंगे।
भारत के डिजिटल भविष्य के लिए बड़ा कदमभारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ से अधिक है और डिजिटल सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। AI की लागत युवाओं और छात्रों के लिए सबसे बड़ा अवरोध थी, जिसे इस साझेदारी ने हटाने का प्रयास किया है। यह कदम भारत के "AI for All" विजन को मजबूती देता है और देश को ग्लोबल AI मैप पर और प्रभावी बनाता है।
Google का 15 बिलियन डॉलर का मेगा निवेशइस फ्री प्लान की एक बैकस्टोरी भी है। गूगल इससे पहले आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में पांच वर्षों में 15 बिलियन डॉलर का निवेश कर भारत का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर बनाने की घोषणा कर चुका है। यह गूगल का अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा AI सेंटर होगा और भारत के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का नया दौर शुरू करेगा।
एंटरप्राइज लेवल पर भी बड़ा गेम
जियो न सिर्फ यूजर्स को लाभ दे रहा है, बल्कि गूगल क्लाउड के साथ मिलकर भारतीय कंपनियों को भी गूगल के AI हार्डवेयर TPU सिस्टम तक एक्सेस दे रहा है। इससे भारतीय कंपनियों को डेटा देश में ही रखकर बड़े AI मॉडल ट्रेन करने में मदद मिलेगी, जिससे डेटा सुरक्षा भी मजबूत होगी।
भारत का AI मार्केट: तेज मुकाबले की शुरुआतभारत का AI बाजार 2024 में 55,000 करोड़ रुपये था, जो 2027 तक तीन गुना होकर 1,45,384 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। यही कारण है कि OpenAI और माइक्रोसॉफ्ट भी भारत में जोर लगा रहे हैं। लेकिन जियो के 500 मिलियन यूजर्स और गूगल की AI टेक का मेल इस रेस में उन्हें बढ़त देता है। साथ ही भारत में गवर्नमेंट AI रेगुलेशन भी आ रहे हैं, इसलिए यह साझेदारी सही समय पर लॉन्च की गई है।
आपकी जेब और भविष्य पर असरयह योजना युवाओं के लिए बड़ी बचत लेकर आएगी क्योंकि 1,925 रुपये प्रति माह वाले प्रीमियम AI टूल्स अब फ्री मिलेंगे। जियो यूजर्स के लिए यह 5G प्लान रखने का और बड़ा कारण बन जाएगा, जबकि देश के स्टार्टअप और डेवलपर को भी AI टूल्स के साथ प्रयोग करने का मौका मिलेगा।
आगे क्या होगाशुरू में यह सुविधा 18–25 उम्र वालों को मिल रही है, लेकिन जल्दी ही इसे सबके लिए लागू किया जा सकता है। 2026 तक जियो यूजर्स का बड़ा हिस्सा Gemini AI इस्तेमाल करता नजर आ सकता है, जिससे भारत में AI यूसेज का पैटर्न भी साफ होगा। गूगल का विशाखापट्टनम प्रोजेक्ट 2026 से शुरू होगा, जो भारत को AI हब के रूप में स्थापित कर सकता है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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