बड़ी खबर: अक्सर देखा जाता है कि अतिरिक्त आय के लिए मकान मालिक अपने घर को किराए पर देते हैं, लेकिन कई बार मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद उत्पन्न हो जाता है। आमतौर पर, मकान मालिक किराएदार पर अपनी मनमर्जी थोपने की कोशिश करते हैं।
किरायेदारों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार ने चार महत्वपूर्ण अधिकार निर्धारित किए हैं, जिनकी जानकारी हर किराएदार को होनी चाहिए। आइए, इन अधिकारों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1948 में केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम के तहत, प्रॉपर्टी मालिकों और किराएदारों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए गए थे। ये नियम विभिन्न राज्यों में भिन्न हो सकते हैं।
निजता का अधिकार: किराएदार को निजता का अधिकार प्राप्त है, जिसका मतलब है कि मकान मालिक बिना अनुमति के किराएदार के कमरे में प्रवेश नहीं कर सकता।
अचानक मकान खाली करने की मांग नहीं कर सकता: यदि किराएदार ने रेंट एग्रीमेंट किया है, तो मकान मालिक उसे अचानक घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता। यदि ऐसा होता है, तो मकान मालिक को कानूनी कारण बताना होगा।
मूलभूत सुविधाओं का अधिकार: हर किराएदार को अपने मकान मालिक से मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और शौचालय की सुविधाएं प्राप्त करने का अधिकार है।
किराएदार के परिवार की सुरक्षा: मकान मालिक को किराएदार के परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखना होता है। यदि किसी सदस्य की तबीयत खराब होती है, तो मकान मालिक को उनकी देखभाल करनी चाहिए।
You may also like
Meta में मिलेगी जॉब, 2.50 करोड़ सालाना पैकेज! मार्क जुकरबर्ग दे रहे कॉलेज ग्रेजुएट्स को ये टेक जॉब्स
मशहूर सिंगर किंग ने अपनी सफलता का सीक्रेट किया शेयर
सिडनी वनडे में खेल सकते हैं कुलदीप यादव: पार्थिव पटेल
गहना वशिष्ठ का चौंकाने वाला खुलासा: डायरेक्टर ने किया रेप
आसियान समिट में केंद्र की मोदी सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे एस जयशंकर, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी