अगली ख़बर
Newszop

प्राकृतिक उपायों से दांतों की सफेदी और स्वास्थ्य में सुधार

Send Push
दांतों की स्वास्थ्य समस्याएं

हाल के वर्षों में भारत में मौखिक स्वास्थ्य की स्थिति चिंताजनक हो गई है। युवा पीढ़ी में पीले दांत, कमजोर मसूड़े, सांसों की दुर्गंध और पायरिया जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। ये समस्याएं न केवल व्यक्ति की बाहरी छवि को प्रभावित करती हैं, बल्कि समग्र स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। अस्वस्थ जीवनशैली, गलत आहार और खराब मौखिक स्वच्छता के कारण दांतों का पीला होना आम हो गया है। चाय, कॉफी, तंबाकू और शीतल पेय का अत्यधिक सेवन इसके प्रमुख कारणों में से एक है।


रासायनिक उत्पादों का उपयोग

कई लोग इस समस्या के समाधान के लिए विभिन्न रासायनिक टूथपेस्ट और माउथवॉश का सहारा लेते हैं। हालांकि, प्रारंभ में ये उत्पाद फायदेमंद लगते हैं, लेकिन समय के साथ दांत और मसूड़े कमजोर हो जाते हैं। इस स्थिति में, प्राकृतिक उपचार सबसे सुरक्षित और प्रभावी विकल्प होते हैं। आयुर्वेद में कई ऐसे तत्वों का उल्लेख है, जो दांतों को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में सहायक होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुभाष गोयल के अनुसार, त्रिफला, हल्दी और सरसों का तेल मौखिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।


त्रिफला चूर्ण

त्रिफला एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। यह दांतों से प्लाक और टार्टर को हटाने में मदद करता है। यह मुंह में बैक्टीरिया को खत्म करके कैविटी और सांसों की दुर्गंध को रोकता है। नियमित रूप से त्रिफला का सेवन करने से दांत स्वाभाविक रूप से सफेद होते हैं और मसूड़े मजबूत होते हैं। यह न केवल मौखिक स्वास्थ्य के लिए, बल्कि पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी है।


हल्दी

हल्दी, जो भारतीय रसोई में आसानी से उपलब्ध है, दांतों के स्वास्थ्य के लिए एक वरदान है। इसमें मौजूद करक्यूमिन तत्व बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है और सूजन को कम करता है। यह मसूड़ों में सूजन, रक्तस्राव और दर्द को कम करने में मदद करता है। नियमित उपयोग से दांतों पर जमी पीली परत हट जाती है और उनकी प्राकृतिक चमक लौट आती है। पायरिया और अन्य मसूड़ों की समस्याओं में हल्दी का उपयोग लाभकारी होता है।


सरसों के तेल के लाभ

सरसों का तेल केवल खाना पकाने में ही नहीं, बल्कि दांतों और मसूड़ों की देखभाल में भी उपयोगी है। इसके एंटीसेप्टिक गुण दांतों को कीटाणुओं से बचाते हैं। मसूड़ों की मालिश करने से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे वे मजबूत बनते हैं। हल्दी और त्रिफला के साथ मिलाकर इसका उपयोग दांतों को साफ और सफेद करने में मदद करता है।


स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी

इसके अलावा, एसिडिटी, गैस और पेट फूलने की समस्याओं को सामान्य मानकर अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि लंबे समय तक ऐसा रहने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है, यहां तक कि पेट के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।


न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें