दिल्ली के लाल किला के पास हुआ कार बम धमाका अब पुलवामा से जुड़ गया है. जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस फिदायीन हमले के पीछे पुलवामा का रहने वाला डॉक्टर उमर मोहम्मद है, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बताया जा रहा है. आई20 कार में बैठा संदिग्ध उमर विस्फोट में मारा गया. दिल्ली पुलिस, एनआईए और एनएसजी इस मॉड्यूल की जड़ों तक पहुंचने में जुटी हैं. फरीदाबाद से लेकर कश्मीर तक इस धमाके की कड़ी जुड़ चुकी है.
देश की राजधानी दिल्ली सोमवार शाम उस वक्त दहल उठी जब लाल किला के सामने स्थित मेट्रो स्टेशन के पास एक हुंडई आई20 कार में जोरदार विस्फोट हुआ. धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों के शीशे चकनाचूर हो गए और इलाके में अफरातफरी मच गई. इस घटना में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल अस्पतालों में भर्ती हैं.
जांच एजेंसियों को शुरूआती सुराग से पता चला है कि यह एक फिदायीन आतंकी हमला था, जिसके तार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और हरियाणा के फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े हैं. इस विस्फोट के पीछे जिस शख्स का नाम तेजी से उभरकर सामने आया है, वह है डॉ. मोहम्मद उमर, जो कथित तौर पर कार चला रहा था और विस्फोट में मारा गया.
आतंकी हमला, टाइमर और फिदायीन शकसूत्रों के मुताबिक, कार में पहले से ही विस्फोटक लगाया गया था और धमाका टाइमर बेस्ड हो सकता है. जांच एजेंसियों का मानना है कि यह कोई गैस या सीएनजी ब्लास्ट नहीं बल्कि योजनाबद्ध आतंकी हमला था. एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, एनएसजी और आईबी इस मामले की तह तक जाने के लिए लगातार काम कर रही हैं.
पुलिस को घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि आई20 कार दोपहर से सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में खड़ी थी और शाम करीब 6:48 बजे जब ट्रैफिक पीक पर था, तभी उसे बाहर निकाला गया. कुछ ही मिनटों बाद कार रेड लाइट पर पहुंची और 6:51 बजे धमाका हो गया.
कौन है डॉक्टर उमर मोहम्मद?जांच के केंद्र में जो नाम है डॉ. मोहम्मद उमर. वह पुलवामा का रहने वाला बताया जा रहा है. पेशे से डॉक्टर उमर पिछले कई महीनों से फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल के संपर्क में था. यही मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बताया जा रहा है. उमर के खिलाफ खुफिया एजेंसियों के पास पहले से ही रिकॉर्ड मौजूद थे. हाल ही में जब पुलिस ने फरीदाबाद में छापेमारी कर 2900 किलो विस्फोटक और भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे, तब वहां से उमर का नाम भी उभरा था. उसके कई साथी गिरफ्तार हुए, जबकि उमर फरार हो गया था. माना जा रहा है कि इसी दबाव में उसने दिल्ली में फिदायीन हमला अंजाम दिया.
फरीदाबाद मॉड्यूल और पुलवामा कनेक्शनएनआईए की जांच में सामने आया है कि इस हमले की साजिश फरीदाबाद के आतंकी नेटवर्क ने रची थी, जिसमें कश्मीर के कई डॉक्टर, छात्र और छोटे कारोबारी शामिल थे. पुलवामा के तारिक अहमद ने वह आई20 कार उमर को दी थी, जो बाद में धमाके में इस्तेमाल हुई. पुलिस को शक है कि जब तारिक और उसके साथियों को पकड़ा गया, तब उमर ने खुद को बचाने के लिए फिदायीन हमले की राह चुनी. फॉरेंसिक टीम उमर की डीएनए पहचान की प्रक्रिया में जुटी है ताकि यह पुष्टि हो सके कि कार में बैठा और मारा गया व्यक्ति वही था या नहीं.
कैसे हुआ विस्फोट, सीसीटीवी में पूरी घटना कैद?दिल्ली पुलिस के पास अब एक महत्वपूर्ण सुराग है, सीसीटीवी फुटेज, जिसमें एक काली आई20 कार सुनहरी मस्जिद की पार्किंग से निकलते हुए दिखाई देती है. कार चलाने वाला शख्स काले मास्क और दस्ताने में नजर आया, जिसने शक और गहरा कर दिया. जैसे ही कार लाल किला की रेड लाइट पर पहुंची, उसमें धमाका हुआ. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि “सिर्फ तीन सेकंड में सबकुछ धुएं में बदल गया.” धमाके की आवाज़ आईटीओ तक दो किलोमीटर दूर तक सुनी गई.
जांच में जुटीं देश की शीर्ष एजेंसियांइस धमाके ने पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है. जांच में दिल्ली पुलिस, एनआईए, एनएसजी, क्राइम ब्रांच, एफएसएल, आईबी और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें जुटी हैं. फरीदाबाद में बरामद हुए विस्फोटक पदार्थों के सैंपल को दिल्ली धमाके के अवशेषों से मिलाया जा रहा है. जांच के शुरुआती संकेत बताते हैं कि धमाके में अमोनियम नाइट्रेट जैसे तत्वों का प्रयोग हुआ था. टीम यह भी जांच कर रही है कि यह विस्फोट रिमोट कंट्रोल से किया गया या टाइमर सेट किया गया था.
धमाके में मारे गए लोग और नुकसानइस भयावह हमले में दिल्ली, हरियाणा और यूपी के कई निर्दोष लोग मारे गए. मरने वालों में अमरोहा के अशोक कुमार और दिल्ली के कारोबारी अमर कटारिया शामिल हैं. कई पीड़ितों की पहचान अब भी बाकी है. धमाके में 10 से ज्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हुए, कई लोगों के चीथड़े उड़ गए और मेट्रो स्टेशन की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए. पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें देर रात तक मौके पर मलबा हटाती रहीं.
भारत की राजधानी पर फिर आतंकी खतरालाल किला जैसा प्रतीकात्मक स्थल निशाने पर आने के बाद अब यह स्पष्ट है कि भारत की राजधानी फिर से आतंक के निशाने पर है. हमले का तरीका और मॉड्यूल वही संकेत देता है जो 2019 के पुलवामा हमले में देखा गया था. अगर जांच में यह साबित हो गया कि डॉ. उमर मोहम्मद ने इस फिदायीन हमले को अंजाम दिया, तो यह भारत के खिलाफ आतंकी संगठनों की नए सिरे से सक्रियता का संकेत होगा और भारत के सुरक्षा ढांचे को अब और सख्त करना होगा.
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