New Delhi, 10 नवंबर . फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में रह रहे डॉक्टर मुजम्मिल की गिरफ्तारी और एक कमरे से 360 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद होने से पूरे देश में सनसनी फैल गई. इस मामले में जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और फरीदाबाद Police की संयुक्त कार्रवाई से एक बड़ी आतंकी साजिश को समय रहते नाकाम कर दिया गया.
पूर्व डीजीपी डॉ. एसपी वैद ने आईएएएनएस से कहा, “बहुत बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन Police की सतर्कता से एक बड़ी त्रासदी टल गई. फरीदाबाद Police, जम्मू-कश्मीर Police और यूपी Police ने मिलकर शानदार काम किया है. जनता इन अधिकारियों के प्रयासों की सराहना करती है.”
उन्होंने बताया, “यह मामला बेहद चौंकाने वाला है, क्योंकि इसमें डॉक्टर जैसे शिक्षित और सम्मानित पेशेवर आतंकवाद में शामिल पाए गए हैं. Pakistan किस तरह धार्मिक ब्रेनवॉशिंग के जरिए पढ़े-लिखे लोगों को भी अपने जाल में फंसा रहा है, यह उसका जीता-जागता उदाहरण है. चाहे कोई पीएचडी हो, डॉक्टर हो, इंजीनियर हो या किसी कंपनी का वाइस प्रेसीडेंट, किसी को भी अपनी गिरफ्त में ले सकती है.”
डॉ. वैद ने कहा कि यूपी Police की मदद से जम्मू-कश्मीर Police ने डॉक्टर आदिल को गिरफ्तार किया था. आदिल से पूछताछ के दौरान डॉक्टर मुजम्मिल का नाम सामने आया, जिसे फरीदाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया. अब तक की जांच में पता चला है कि बरामद 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट आईईडी बनाने के लिएसंभालकरर रखी गई थी. इसके साथ ही एक असॉल्ट राइफल और पिस्तौल भी बरामद हुई है. यह सब एक ही बड़ी साजिश का हिस्सा है. अब यह पता लगाना जरूरी है कि यह विस्फोटक किस वाहन से लाया गया, किसने मदद की और देश में ऐसे कितने मॉड्यूल सक्रिय हैं.”
इस बीच रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर (सेवानिवृत्त) ने बताया कि 27 अक्टूबर को कश्मीर घाटी में कुछ पोस्टर लगाए गए थे. जांच में पता चला कि इन्हें डॉक्टर आदिल अहमद नाम के व्यक्ति ने लगाया था. जब उसे गिरफ्तार किया गया और उसका लॉकर खोला गया, तो उसमें एक एके-47 राइफल बरामद हुई. जांच में यह भी सामने आया कि वह जीएमसी श्रीनगर में अक्टूबर 2024 तक रजिस्टर्ड डॉक्टर था. जांच आगे बढ़ी तो जम्मू कश्मीर Police डॉ. मुजम्मिल तक जा पहुंची.”
वहीं पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा, “यह पहली बार है जब अत्यंत शिक्षित पेशेवरों को आतंकियों ने अपने नेटवर्क में शामिल किया है. यह हमारे लिए चेतावनी की घंटी है. मैं खुफिया एजेंसियों और Police को बधाई देता हूं, लेकिन साथ ही यह भी कहना चाहूंगा कि अब खुफिया जानकारी जुटाने और फील्ड ऑपरेशन्स की रणनीति को आधुनिक तकनीक के साथ अपग्रेड करना बेहद जरूरी है. तभी हम इस तरह के कट्टरपंथियों से प्रभावी ढंग से निपट पाएंगे.”
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वीकेयू/वीसी
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