तहसील क्षेत्र में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान जारी है। इस बीच, साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं और लोगों को ठगने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे फोन पर किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें और सतर्क रहें।
साइबर ठगों की नजर में हैं मतदाता
मुख्य चुनाव आयोग के निर्देश पर क्षेत्र में SIR प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस दौरान बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाता फॉर्म भरवा रहे हैं। लेकिन ऐसे समय में फर्जी कॉल और मैसेज के जरिए ठगी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। साइबर जालसाज खुद को अधिकारी बताकर लोगों से OTP, पासवर्ड या बैंक डिटेल्स मांगने की कोशिश कर रहे हैं।
अधिकारियों की अपील – किसी को न बताएं OTP या पासवर्ड
एसडीएम श्रीराम यादव ने मतदाताओं को चेताया है कि कोई भी BLO फोन या व्हाट्सएप के जरिए जानकारी नहीं मांगता। वे केवल घर-घर जाकर फॉर्म भरते हैं और मतदाताओं से आमने-सामने जानकारी लेते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी ऑनलाइन लिंक या कॉल के माध्यम से ओटीपी या पासवर्ड नहीं मांगेगा।
सीओ स्तुति सिंह ने भी नागरिकों से अनुरोध किया है कि यदि किसी अज्ञात व्यक्ति का कॉल आए या वह खुद को सरकारी अधिकारी बताए, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें। ऐसी स्थिति में किसी भी कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें।
ऐसे देते है वारदात को अंजाम
अधिकारियों के अनुसार, ठग मोबाइल कॉल या व्हाट्सएप पर संपर्क कर मतदाताओं से बैंक या पहचान संबंधी जानकारी ले लेते हैं। इसके बाद खाते से पैसे निकालना, डिजिटल लेन-देन में हेरफेर करना, या व्यक्तिगत डेटा का दुरुपयोग करना जैसे अपराधों को अंजाम दिया जाता है।
बीएलओ की भूमिका – सिर्फ दस्तावेज एकत्र करना
मतदाता सूची संशोधन के दौरान BLO का काम केवल घर-घर जाकर फॉर्म और बुनियादी जानकारी एकत्र करना है। वे किसी भी तरह की डिजिटल प्रक्रिया या ऑनलाइन लिंक नहीं भेजते। इसलिए यदि कोई व्यक्ति आपको किसी ऐप या वेबसाइट के जरिए जानकारी भरने को कहे, तो वह निश्चित रूप से धोखाधड़ी का प्रयास है।
सुरक्षा के लिए अपनाएं ये जरूरी कदम
- किसी भी स्थिति में OTP, पासवर्ड या बैंक विवरण साझा न करें।
- यदि कोई फोन या मैसेज संदिग्ध लगे, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचित करें।
- किसी अज्ञात लिंक या वेबसाइट पर क्लिक करने से बचें।
BLO की पहचान पक्की करें — वे पहचान पत्र के साथ ही घर आएंगे।
सावधानी ही सुरक्षा
एसडीएम ने दोहराया कि थोड़ी सी सावधानी बड़े नुकसान से बचा सकती है। उन्होंने कहा — “जनता जितनी सतर्क होगी, उतनी सुरक्षित रहेगी। कोई भी जानकारी साझा करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि सामने वाला वास्तव में सरकारी अधिकारी है।” इसलिए, मतदाता सूची पुनरीक्षण के इस अभियान में अपनी जानकारी सुरक्षित रखना और साइबर ठगों से सतर्क रहना आपकी पहली जिम्मेदारी है।
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