नवीकरणीय ऊर्जा ( Renewable Energy ) केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आज की अनिवार्यता है। भारत इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ रहा है। 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा क्षमता का 50% गैर-जीवाश्म स्रोतों से प्राप्त करने और 500 गीगावाट (GW) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर चल रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा मुख्य चालक हैं। सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और बैटरी भंडारण को भी बढ़ावा दिया है ताकि नवीकरणीय ऊर्जा को विश्वसनीय और चौबीसों घंटे उपलब्ध कराया जा सके। ऊर्जा सुरक्षा, कार्बन उत्सर्जन में कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाना इस क्रांति के प्रमुख उद्देश्य हैं। हालांकि, ग्रिड एकीकरण और वित्तपोषण की चुनौतियों पर निरंतर काम किया जा रहा है, जिससे भारत सतत विकास की ओर मजबूती से बढ़ सके।
रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर गुड न्यूजनवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) इसके लिए नोडल एजेंसी है। भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA) जैसी संस्थाएं वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। भारत का लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का भी है, जिसके लिए 125 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी। भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में जून 2024 के 1.4 गीगावाट से बढ़कर जून 2025 में 7.3 GW होने के साथ, क्षमता वृद्धि में 420% की उल्लेखनीय वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। रिन्यूअल इनोवेशन की नेक्स्ट कैटेगरी के लिए रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2025 एक्सपो के 18वें संस्करण की घोषणा इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने की है। जो एशिया का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली स्वच्छ ऊर्जा समागम है। एक बार फिर द बैटरी शो इंडिया के तीसरे संस्करण के साथ होगा। भारत के स्वच्छ और हरित भविष्य के नजरिए को आगे बढ़ाएगा।
राज्य सरकारों की भी पुख्ता तैयारीबिहार सरकार अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है। राज्य ने 2029-30 तक 23 हजार 968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन और 6 हजार 100 मेगावाट बिजली भंडारण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। सौर ऊर्जा प्रमुख केंद्र बिंदु है, जिसके लिए नई नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा संवर्द्धन नीति 2025 लाई गई है। ये नीति निवेशकों को विभिन्न प्रोत्साहन जैसे पूंजी अनुदान, जीएसटी छूट और बिजली शुल्क में छूट प्रदान करती है। इसमें सौर, पवन, बायोमास और छोटे पनबिजली संयंत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सरकार मॉडल सोलर विलेज विकसित करने और हर जिले में 'बिहार अक्षय ऊर्जा केंद्र' खोलने की दिशा में भी काम कर रही है। रूफटॉप सौर और फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये प्रयास बिहार को हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने और राष्ट्रीय नेट जीरो लक्ष्य में योगदान देने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
भारत सरकार से भी भरपूर मददरिन्यूएबल एनर्जी अब ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। योगेश मुद्रास की मानें तो 242.8 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के साथ जिसमें 233.99 गीगावाट नवीकरणीय स्रोतों से है। भारत अब अपनी कुल बिजली उत्पादन का आधे से अधिक स्वच्छ स्रोतों से प्राप्त करता है, ये एक ऐसा मील का पत्थर है जो देश को दुनिया के अग्रणी हरित ऊर्जा नेता के रूप शामिल करता है। रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया में 700 से अधिक प्रदर्शक, 1000 ब्रांड, 35 हजार से अधिक गेस्ट और 250 वैश्विक विचारकों की भागीदारी होने की उम्मीद है। इसमें सौर विनिर्माण, बैटरी भंडारण, ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा, बायोमास और पवन ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। भारत सरकार की नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की ओर से एक विशाल जैव ऊर्जा मंडप भी शामिल है, जिसमें विश्व भर की 65 कंपनियां भाग ले रही हैं। इसके साथ ही आयोजित होने वाला 'द बैटरी शो इंडिया' उन्नत बैटरी विनिर्माण और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों के लिए दक्षिण एशिया के प्रमुख मंच के रूप में काम करता है।
रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर गुड न्यूजनवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) इसके लिए नोडल एजेंसी है। भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA) जैसी संस्थाएं वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। भारत का लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का भी है, जिसके लिए 125 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यकता होगी। भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में जून 2024 के 1.4 गीगावाट से बढ़कर जून 2025 में 7.3 GW होने के साथ, क्षमता वृद्धि में 420% की उल्लेखनीय वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। रिन्यूअल इनोवेशन की नेक्स्ट कैटेगरी के लिए रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया 2025 एक्सपो के 18वें संस्करण की घोषणा इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने की है। जो एशिया का सबसे बड़ा और सबसे प्रभावशाली स्वच्छ ऊर्जा समागम है। एक बार फिर द बैटरी शो इंडिया के तीसरे संस्करण के साथ होगा। भारत के स्वच्छ और हरित भविष्य के नजरिए को आगे बढ़ाएगा।
राज्य सरकारों की भी पुख्ता तैयारीबिहार सरकार अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रही है। राज्य ने 2029-30 तक 23 हजार 968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन और 6 हजार 100 मेगावाट बिजली भंडारण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। सौर ऊर्जा प्रमुख केंद्र बिंदु है, जिसके लिए नई नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा संवर्द्धन नीति 2025 लाई गई है। ये नीति निवेशकों को विभिन्न प्रोत्साहन जैसे पूंजी अनुदान, जीएसटी छूट और बिजली शुल्क में छूट प्रदान करती है। इसमें सौर, पवन, बायोमास और छोटे पनबिजली संयंत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सरकार मॉडल सोलर विलेज विकसित करने और हर जिले में 'बिहार अक्षय ऊर्जा केंद्र' खोलने की दिशा में भी काम कर रही है। रूफटॉप सौर और फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये प्रयास बिहार को हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने और राष्ट्रीय नेट जीरो लक्ष्य में योगदान देने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
भारत सरकार से भी भरपूर मददरिन्यूएबल एनर्जी अब ऊर्जा स्वतंत्रता और स्थिरता की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। योगेश मुद्रास की मानें तो 242.8 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता के साथ जिसमें 233.99 गीगावाट नवीकरणीय स्रोतों से है। भारत अब अपनी कुल बिजली उत्पादन का आधे से अधिक स्वच्छ स्रोतों से प्राप्त करता है, ये एक ऐसा मील का पत्थर है जो देश को दुनिया के अग्रणी हरित ऊर्जा नेता के रूप शामिल करता है। रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया में 700 से अधिक प्रदर्शक, 1000 ब्रांड, 35 हजार से अधिक गेस्ट और 250 वैश्विक विचारकों की भागीदारी होने की उम्मीद है। इसमें सौर विनिर्माण, बैटरी भंडारण, ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा, बायोमास और पवन ऊर्जा सहित नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों के बारे में जानकारी दी जाएगी। भारत सरकार की नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की ओर से एक विशाल जैव ऊर्जा मंडप भी शामिल है, जिसमें विश्व भर की 65 कंपनियां भाग ले रही हैं। इसके साथ ही आयोजित होने वाला 'द बैटरी शो इंडिया' उन्नत बैटरी विनिर्माण और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों के लिए दक्षिण एशिया के प्रमुख मंच के रूप में काम करता है।
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