नई दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में आतंकवाद पर नियंत्रण कर लिया गया है और देश में आखिरी बड़ी आतंकी घटना जम्मू-कश्मीर के बाहर-2013 में हुई थी।
सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान में बोलते हुए डोभाल ने कहा कि तथ्य तो तथ्य हैं। उन पर विवाद नहीं किया जा सकता। इस देश में आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया गया है। 1 जुलाई 2005 को आतंकवाद की एक बड़ी घटना हुई थी और 2013 में देश के भीतरी इलाकों में आखिरी घटना हुई। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसमें जम्मू-कश्मीर शामिल नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में अलग खेलएनएसए डोभाल ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान के लिए छद्म युद्ध या गुप्त युद्ध का अखाड़ा रहा है। ये एक अलग खेल है। इसके अलावा पूरा देश आतंकवादी हमलों से सुरक्षित रहा है। इसके लिए प्रयास किए गए। लोगों को गिरफ्तार किया गया। विस्फोटक बरामद किए गए।
हमेशा एक्टिव रहे हैं दुश्मनडोभाल ने आगे कहा कि दुश्मनों की गतिविधियां जारी रहने के बावजूद, अंदरूनी इलाकों में कोई भी आतंकी हमला नहीं हुआ है। 2014 के बाद से वामपंथी उग्रवाद में भी तेजी से कमी आई। दुश्मन बहुत सक्रिय रहे हैं, लेकिन सौभाग्य से अंदरूनी इलाकों में कोई आतंकवादी घटना नहीं हुई है। वामपंथी उग्रवाद 2014 की तुलना में 11 प्रतिशत से भी कम क्षेत्रों में सिमट गया है।
खतरों के जवाब देने में सक्षमडोभाल ने आगे कहा कि भारत ने प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है, जिसका अर्थ है कि वह जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों का जवाब दे सकता है। यह कहना पर्याप्त नहीं है कि हमने पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए हैं। उतना ही महत्वपूर्ण यह है कि हम प्रत्येक भारतीय को आंतरिक और बाहरी, दोनों तरह की ताकतों से सुरक्षित महसूस करा सकें।
प्रभावी ढंग से निपटने की तैयारीडोभाल ने आगे कहा कि हम सरकारी कानूनों और नीतियों के अनुसार उनसे प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं, साथ ही हम ऐसा प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित कर सकते हैं, जो उन्हें यह विश्वास दिलाए कि हमारे पास अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम तरीके से किसी भी खतरे का जवाब देने की इच्छाशक्ति और शक्ति है।
सरदार पटेल स्मारक व्याख्यान में बोलते हुए डोभाल ने कहा कि तथ्य तो तथ्य हैं। उन पर विवाद नहीं किया जा सकता। इस देश में आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया गया है। 1 जुलाई 2005 को आतंकवाद की एक बड़ी घटना हुई थी और 2013 में देश के भीतरी इलाकों में आखिरी घटना हुई। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसमें जम्मू-कश्मीर शामिल नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में अलग खेलएनएसए डोभाल ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान के लिए छद्म युद्ध या गुप्त युद्ध का अखाड़ा रहा है। ये एक अलग खेल है। इसके अलावा पूरा देश आतंकवादी हमलों से सुरक्षित रहा है। इसके लिए प्रयास किए गए। लोगों को गिरफ्तार किया गया। विस्फोटक बरामद किए गए।
हमेशा एक्टिव रहे हैं दुश्मनडोभाल ने आगे कहा कि दुश्मनों की गतिविधियां जारी रहने के बावजूद, अंदरूनी इलाकों में कोई भी आतंकी हमला नहीं हुआ है। 2014 के बाद से वामपंथी उग्रवाद में भी तेजी से कमी आई। दुश्मन बहुत सक्रिय रहे हैं, लेकिन सौभाग्य से अंदरूनी इलाकों में कोई आतंकवादी घटना नहीं हुई है। वामपंथी उग्रवाद 2014 की तुलना में 11 प्रतिशत से भी कम क्षेत्रों में सिमट गया है।
खतरों के जवाब देने में सक्षमडोभाल ने आगे कहा कि भारत ने प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है, जिसका अर्थ है कि वह जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों का जवाब दे सकता है। यह कहना पर्याप्त नहीं है कि हमने पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए हैं। उतना ही महत्वपूर्ण यह है कि हम प्रत्येक भारतीय को आंतरिक और बाहरी, दोनों तरह की ताकतों से सुरक्षित महसूस करा सकें।
प्रभावी ढंग से निपटने की तैयारीडोभाल ने आगे कहा कि हम सरकारी कानूनों और नीतियों के अनुसार उनसे प्रभावी ढंग से निपट सकते हैं, साथ ही हम ऐसा प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित कर सकते हैं, जो उन्हें यह विश्वास दिलाए कि हमारे पास अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम तरीके से किसी भी खतरे का जवाब देने की इच्छाशक्ति और शक्ति है।
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