हैदराबाद: हैदराबाद में एक डॉक्टर के घर पर हुई छापेमारी ने पूरे शहर में फैले ड्रग्स के जाल का पर्दाफाश किया है। तेलंगाना की एक्साइज स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक पोस्ट-ग्रेजुएट डॉक्टर के किराए के घर में छापा मारा, जो पूरे हैदराबाद में चल रहे ड्रग्स तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का मुख्य अड्डा निकला। इस कार्रवाई में पुलिस ने डॉक्टर को गिरफ्तार किया है और उसके तीन साथी फरार हैं।
छह तरह की महंगी नशीली दवाएं बरामद
एसटीएफ की बी टीम ने हैदराबाद के मुशीरबाद इलाके में डॉक्टर जॉन पॉल के घर पर छापा मारा। वहां से पुलिस को छह तरह की महंगी नशीली दवाएं मिलीं। इनकी कीमत करीब 3 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, जॉन पॉल खुद ड्रग्स का सेवन करता था और अपने इस शौक को पूरा करने के लिए उसने ड्रग्स तस्करी के धंधे में कदम रखा। उसने अपने तीन दोस्तों प्रमोद, संदीप और शरत (या सरतुलु) के साथ मिलकर इस काम को अंजाम दिया। इन तीनों ने डॉक्टर के घर को ड्रग्स रखने और बेचने के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनाया था।
जांच में चौंकाने वाला खुलासा
जांच में यह बात सामने आई है कि जॉन पॉल का किराए का घर सिर्फ ड्रग्स रखने की जगह नहीं था, बल्कि यह पूरे सिंडिकेट का मुख्य वितरण केंद्र था। प्रमोद, संदीप और शरत दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों से भारी मात्रा में ड्रग्स मंगवाते थे। वे इन नशीले पदार्थों को जॉन पॉल के मुशीरबाद वाले घर पर पहुंचाते थे। वहां जॉन पॉल उन्हें स्टोर करता था और फिर प्रमोद, संदीप और शरत द्वारा बताए गए ग्राहकों को बेच देता था। इस काम के बदले में जॉन पॉल को ड्रग्स मुफ्त में इस्तेमाल करने की इजाजत थी।
बरामदगी में क्या?
एसटीएफ को यह जानकारी खुफिया सूत्रों से मिली थी, जिसके बाद उन्होंने यह सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस टीम को डॉक्टर के घर में इतनी बड़ी मात्रा में और इतनी तरह की नशीली दवाएं देखकर हैरानी हुई। जब्त की गई नशीली दवाओं में ओजी कुश (26.95 ग्राम), एमडीएमए (6.21 ग्राम), 15 एलएसडी स्टिक, कोकीन (1.32 ग्राम) और हशीश ऑयल (0.008 ग्राम) शामिल हैं।
छह तरह की महंगी नशीली दवाएं बरामद
एसटीएफ की बी टीम ने हैदराबाद के मुशीरबाद इलाके में डॉक्टर जॉन पॉल के घर पर छापा मारा। वहां से पुलिस को छह तरह की महंगी नशीली दवाएं मिलीं। इनकी कीमत करीब 3 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, जॉन पॉल खुद ड्रग्स का सेवन करता था और अपने इस शौक को पूरा करने के लिए उसने ड्रग्स तस्करी के धंधे में कदम रखा। उसने अपने तीन दोस्तों प्रमोद, संदीप और शरत (या सरतुलु) के साथ मिलकर इस काम को अंजाम दिया। इन तीनों ने डॉक्टर के घर को ड्रग्स रखने और बेचने के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनाया था।
जांच में चौंकाने वाला खुलासा
जांच में यह बात सामने आई है कि जॉन पॉल का किराए का घर सिर्फ ड्रग्स रखने की जगह नहीं था, बल्कि यह पूरे सिंडिकेट का मुख्य वितरण केंद्र था। प्रमोद, संदीप और शरत दिल्ली और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों से भारी मात्रा में ड्रग्स मंगवाते थे। वे इन नशीले पदार्थों को जॉन पॉल के मुशीरबाद वाले घर पर पहुंचाते थे। वहां जॉन पॉल उन्हें स्टोर करता था और फिर प्रमोद, संदीप और शरत द्वारा बताए गए ग्राहकों को बेच देता था। इस काम के बदले में जॉन पॉल को ड्रग्स मुफ्त में इस्तेमाल करने की इजाजत थी।
बरामदगी में क्या?
एसटीएफ को यह जानकारी खुफिया सूत्रों से मिली थी, जिसके बाद उन्होंने यह सर्च ऑपरेशन चलाया। पुलिस टीम को डॉक्टर के घर में इतनी बड़ी मात्रा में और इतनी तरह की नशीली दवाएं देखकर हैरानी हुई। जब्त की गई नशीली दवाओं में ओजी कुश (26.95 ग्राम), एमडीएमए (6.21 ग्राम), 15 एलएसडी स्टिक, कोकीन (1.32 ग्राम) और हशीश ऑयल (0.008 ग्राम) शामिल हैं।
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