नई दिल्ली : भारत जल्द ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में वायुसैनिक अभ्यास शुरू करने वाला है। राफेल, तेजस जैसे जंगी जेट्स एयरबेस पर पहुंच गए हैं। भारतीय वायुसेना (IAF) ने 13 से 20 नवंबर तक पूर्वोत्तर में एक व्यापक सैन्य अभ्यास के लिए NOTAM भी जारी कर दिया है। यह अभ्यास चीन, भूटान, म्यांमार और बांग्लादेश से लगी बेहद संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों के पास होगा। सुखोई-30MKI, राफेल, मिराज-2000, तेजस और जगुआर लड़ाकू विमान आसमान में उड़ान भरेंगे। इस अभ्यास में वायु रक्षा प्रणालियां और एकीकृत एकीकृत रक्षा अभियान भी शामिल होंगे। इस बीच, रविवार को असम के गुवाहाटी में वायुसेना की 93वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एयर शो में तेजस और राफेल सहित भारतीय वायुसेना के विमानों ने ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर भव्य फ्लाईपास्ट किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मगर, इससे हमारे पड़ोसी देशों को टेंशन तो जरूर हुई होगी।
राफेल-तेजस की दहाड़ तो बस एक ट्रेलर
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि गुवाहाटी के लाचित घाट पर तेजस, राफेल और सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम के रोमांचक प्रदर्शनों के साथ दर्शकों की गर्जना और उत्साहपूर्ण जयकारे भी थे। इस दौरान असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पायलटों के कौशल की सराहना की क्योंकि उन्होंने अपने समन्वय और शानदार युद्धाभ्यास से दर्शकों को प्रभावित किया। डिफेंस एक्सपर्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी के अनुसार, भारत के लड़ाकू विमानों की दहाड़ तो बस एक ट्रेलर है, क्योंकि अभी तो करीब 8 दिन तक वायुसेना का युद्धाभ्यास शुरू होने वाला है। इससे बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन तीनों को ही टेंशन होगी।
58 विमानों की गर्जना से गूंजा आसमान
अधिकारी ने बताया कि देश के प्रति भारतीय वायुसेना के 93 वर्षों के अटूट समर्पण और अद्वितीय सेवा को श्रद्धांजलि देते हुए, इस शो में 58 विमानों ने भाग लिया, जिनमें लड़ाकू विमानों के साथ-साथ परिवहन विमानों की लगभग 25 फॉर्मेशन शामिल थीं। सोशल मीडिया पर भारतीय लिख रहे हैं कि राफेल-घबराने का नहीं है....साथ में लिखा जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान से दोस्ती की पेंगे बढ़ा रहे बांग्लादेश को यह साफ संदेश है। हमारे आसामन सुरक्षित हैं।
चिकननेक से मोहम्मद यूनुस को सीधे चेतावनी
यह अभ्यास हाल ही में हुए कूटनीतिक बदलावों के बाद बांग्लादेश के साथ बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है। अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी सेना के एक जनरल और तुर्की प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान पूर्वोत्तर भारत का एक विवादास्पद नक्शा साझा किया, जिसमें असम को उसका हिस्सा दिखाया गया था। भारत इसे एक रणनीतिक चुनौती मानता है। यूनुस ने चीन को बातचीत के लिए न्यौता देते हुए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को स्थलरुद्ध बताया, जिससे चिकननेक कहे जाने वाले 22 किलोमीटर लंबे सिलीगुड़ी कॉरिडोर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। यह अभ्यास एक रक्षा अभ्यास से कहीं बढ़कर है। यह एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश देता है कि भारत किसी भी परिस्थिति में अपनी सीमाओं की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। डिफेंस एक्सपर्ट जेएस सोढ़ी के अनुसार, असम के आसमान में राफेल-तेजस की दहाड़ यूनुस को सीधी चेतावनी है।
बांग्लादेश-पाकिस्तान-चीन तक को क्लियर संदेश
डिफेंस एनालिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी ने बताया कि पूर्वोत्तर सीमाओं पर पहली बार युद्धाभ्यास का मतलब है कि भारत टू-फ्रंट वॉर की तैयारी कर रहा है। 2030 के बाद चीन और पाकिस्तान भारत पर मिलकर हमला कर सकते हैं। भारत में चीन से सटी जो भी सीमा हैं, चाहे वो लेह-लद्दाख का इलाका हो या अरुणाचल प्रदेश का इलाका, सभी सुपर सेंसिटिव हैं। भारत इसीलिए इन इलाकों को ध्यान में रखते हुए ये युद्धाभ्यास कर रहा है। इसके अलावा, हाल में बांग्लादेश की तरफ से जो चुनौती मिल रही है, उसे देखते हुए भी भारत क्लियर मैसेज दे रहा है।
त्रिशूल एक्सरसाइज भी चल रही है
हाल ही में 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक के लिए NOTAM जारी किया गया था, जिसमें बताया गया है कि थल सेना, वायुसेना और नौसेना एक युद्धाभ्यास करने जा रही हैं, जो 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास को एक्स त्रिशूल नाम दिया गया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान बॉर्डर के इलाके में नो फ्लाई जोन रहेगा। यह एक्सरसाइज जैसलमेर के एरिया से लेकर गुजरात के सर क्रीक इलाके तक होगी।
राफेल-तेजस की दहाड़ तो बस एक ट्रेलर
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि गुवाहाटी के लाचित घाट पर तेजस, राफेल और सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम के रोमांचक प्रदर्शनों के साथ दर्शकों की गर्जना और उत्साहपूर्ण जयकारे भी थे। इस दौरान असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने पायलटों के कौशल की सराहना की क्योंकि उन्होंने अपने समन्वय और शानदार युद्धाभ्यास से दर्शकों को प्रभावित किया। डिफेंस एक्सपर्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी के अनुसार, भारत के लड़ाकू विमानों की दहाड़ तो बस एक ट्रेलर है, क्योंकि अभी तो करीब 8 दिन तक वायुसेना का युद्धाभ्यास शुरू होने वाला है। इससे बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन तीनों को ही टेंशन होगी।
The skies over Guwahati came alive as the #IndianAirForce celebrated its 93rd Anniversary with a breathtaking air show over the Brahmaputra.
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) November 9, 2025
From Tejas, Apache & C-295 to the thrilling aerobatics by Sukhoi-30, Rafale, @Suryakiran_IAF & Sarang — the display embodied this year’s… pic.twitter.com/iRrrdJVy1c
58 विमानों की गर्जना से गूंजा आसमान
अधिकारी ने बताया कि देश के प्रति भारतीय वायुसेना के 93 वर्षों के अटूट समर्पण और अद्वितीय सेवा को श्रद्धांजलि देते हुए, इस शो में 58 विमानों ने भाग लिया, जिनमें लड़ाकू विमानों के साथ-साथ परिवहन विमानों की लगभग 25 फॉर्मेशन शामिल थीं। सोशल मीडिया पर भारतीय लिख रहे हैं कि राफेल-घबराने का नहीं है....साथ में लिखा जा रहा है कि चीन और पाकिस्तान से दोस्ती की पेंगे बढ़ा रहे बांग्लादेश को यह साफ संदेश है। हमारे आसामन सुरक्षित हैं।
The sky is secure. The roar is real.
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 9, 2025
Rafale 🚀 — “Ghabrane ka nahi hai” 🔥 pic.twitter.com/d4u9JzgOWE
चिकननेक से मोहम्मद यूनुस को सीधे चेतावनी
यह अभ्यास हाल ही में हुए कूटनीतिक बदलावों के बाद बांग्लादेश के साथ बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है। अंतरिम नेता मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तानी सेना के एक जनरल और तुर्की प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान पूर्वोत्तर भारत का एक विवादास्पद नक्शा साझा किया, जिसमें असम को उसका हिस्सा दिखाया गया था। भारत इसे एक रणनीतिक चुनौती मानता है। यूनुस ने चीन को बातचीत के लिए न्यौता देते हुए भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को स्थलरुद्ध बताया, जिससे चिकननेक कहे जाने वाले 22 किलोमीटर लंबे सिलीगुड़ी कॉरिडोर ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। यह अभ्यास एक रक्षा अभ्यास से कहीं बढ़कर है। यह एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश देता है कि भारत किसी भी परिस्थिति में अपनी सीमाओं की सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। डिफेंस एक्सपर्ट जेएस सोढ़ी के अनुसार, असम के आसमान में राफेल-तेजस की दहाड़ यूनुस को सीधी चेतावनी है।
The sky is secure. The roar is real.
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 9, 2025
Rafale 🚀 — “Ghabrane ka nahi hai” 🔥 pic.twitter.com/d4u9JzgOWE
बांग्लादेश-पाकिस्तान-चीन तक को क्लियर संदेश
डिफेंस एनालिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी ने बताया कि पूर्वोत्तर सीमाओं पर पहली बार युद्धाभ्यास का मतलब है कि भारत टू-फ्रंट वॉर की तैयारी कर रहा है। 2030 के बाद चीन और पाकिस्तान भारत पर मिलकर हमला कर सकते हैं। भारत में चीन से सटी जो भी सीमा हैं, चाहे वो लेह-लद्दाख का इलाका हो या अरुणाचल प्रदेश का इलाका, सभी सुपर सेंसिटिव हैं। भारत इसीलिए इन इलाकों को ध्यान में रखते हुए ये युद्धाभ्यास कर रहा है। इसके अलावा, हाल में बांग्लादेश की तरफ से जो चुनौती मिल रही है, उसे देखते हुए भी भारत क्लियर मैसेज दे रहा है।
त्रिशूल एक्सरसाइज भी चल रही है
हाल ही में 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक के लिए NOTAM जारी किया गया था, जिसमें बताया गया है कि थल सेना, वायुसेना और नौसेना एक युद्धाभ्यास करने जा रही हैं, जो 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास को एक्स त्रिशूल नाम दिया गया है। इस युद्धाभ्यास के दौरान बॉर्डर के इलाके में नो फ्लाई जोन रहेगा। यह एक्सरसाइज जैसलमेर के एरिया से लेकर गुजरात के सर क्रीक इलाके तक होगी।
You may also like

कर्क साप्ताहिक राशिफल 10 नवंबर से 16 नवंबर 2025 : गजकेसरी योग से कई मामलों में पाएंगे लाभ

बजरंग दल की शिकायत पर ओशिवारा पुलिस स्टेशन के दो अधिकारी सस्पेंड, पांच के खिलाफ जांच के आदेश

Sherlyn Chopra के सेक्सी वीडियो ने फैंस के दिलों में मचाई खलबली, वीडियो देख फैंस ने कहा- आग लगा दी

चार बार देखी दृश्यम मूवी, फिर पत्नी की हत्या कर शव को जलाया, सबूत मिटाए मगर पुलिस ने पकड़ ली ओवर एक्टिंग

रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से 7-7 बार पढ़ने लगीं हनुमान चालीसा, कहा- ये एक मेडिटेशन है




