AI का तेजी से विकास हो रहा है और इससे कई रह के मॉडस बनाए जा रहे हैं। अब IIT BHU के छात्र रह चुके एक लड़के ने ऐसा AI बनाया है जो गाता है, फुसफुसाता है और सबसे खास बात ये कि कि इंसानों की भावनाओं को समझता है। इसे लूना AI नाम दिया गया है। 25 वर्षीय स्पर्श अग्रवाल ने इसे पिक्सा एआई के तहत बनाया है। लूना एआई दुनिया की पहली स्पीच-टू-स्पीच बेसिक मॉडल है। लूना फुसफुसा सकती है, सुर बदल सकती है और गा भी सकती है। स्पर्श कहते हैं कि यह सिर्फ जवाब नहीं देती, बल्कि महसूस भी करती है। ज्यादातर वॉइस मॉडल कस्टमर सपोर्ट के लिए होते हैं, लेकिन लूना एंटरटेनमेंट और हेल्थ को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।   
   
IT मंत्री ने की तारीफ लाइव मिंट की रिपोर्ट बताती है कि स्पर्श ने एक्स पर लिखा कि भारत की एआई कहां है? हर व्हाट्सएप ग्रुप, हर कॉन्फ्रेंस में यही सवाल। आज हम जवाब दे रहे हैं। मिलिए लूना से। यह ऑडियो, म्यूजिक और स्पीच को एक साथ जोड़ती है। स्पर्श ने IT मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात की, उन्होंने भी लूना AI की तकनीक को सराहा।
     
50% तेजी से काम करती है लूनाशुरुआती टेस्ट में लूना ने ओपनएआई के जीपीटी-4 टीटीएस और इलेवनलैब्स को पीछे छोड़ा। इसमें 50% तेजी से काम करती है। स्पर्श कहते हैं कि मेरे पास रिसर्च लैब या 100 मिलियन डॉलर नहीं थे। उन्होंने जीपीयू उधार लिए, क्लाउड क्रेडिट लिए और क्रेडिट कार्ड का कर्ज भी लिया।
     
   
   
कौन हैं स्पर्श अग्रवाल?स्पर्श आईआईटी-बीएचयू से पढ़े हैं। उनकी टीम में नितीश कार्तिक, अपूर्व सिंह और प्रत्युष कुमार हैं। स्पर्श डब्ल्यूटी फंड से चुने गए एकमात्र सोलो फाउंडर हैं। 15,000 आवेदकों में से चुने गए। स्पर्श का मकसद भारत को इमोशनल AI का सेंटर बनाना है।
   
2026 में आएगा पहला स्वदेशी AI मॉडलइसके अलावा, सरकार का कहना है कि साल 2026 में देश का पहला ‘स्वदेशी AI मॉडल’ लॉन्च हो जाएगा। यह साल की शुरुआत में ही फरवरी के महीने में लॉन्च हो सकता है। सरकार इसे इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट से पहले लॉन्च करना चाहती है। इसे बनाने के पीछे मकसद है कि देश का डेटा सुरक्षित रहे।
IT मंत्री ने की तारीफ लाइव मिंट की रिपोर्ट बताती है कि स्पर्श ने एक्स पर लिखा कि भारत की एआई कहां है? हर व्हाट्सएप ग्रुप, हर कॉन्फ्रेंस में यही सवाल। आज हम जवाब दे रहे हैं। मिलिए लूना से। यह ऑडियो, म्यूजिक और स्पीच को एक साथ जोड़ती है। स्पर्श ने IT मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मुलाकात की, उन्होंने भी लूना AI की तकनीक को सराहा।
50% तेजी से काम करती है लूनाशुरुआती टेस्ट में लूना ने ओपनएआई के जीपीटी-4 टीटीएस और इलेवनलैब्स को पीछे छोड़ा। इसमें 50% तेजी से काम करती है। स्पर्श कहते हैं कि मेरे पास रिसर्च लैब या 100 मिलियन डॉलर नहीं थे। उन्होंने जीपीयू उधार लिए, क्लाउड क्रेडिट लिए और क्रेडिट कार्ड का कर्ज भी लिया।
कौन हैं स्पर्श अग्रवाल?स्पर्श आईआईटी-बीएचयू से पढ़े हैं। उनकी टीम में नितीश कार्तिक, अपूर्व सिंह और प्रत्युष कुमार हैं। स्पर्श डब्ल्यूटी फंड से चुने गए एकमात्र सोलो फाउंडर हैं। 15,000 आवेदकों में से चुने गए। स्पर्श का मकसद भारत को इमोशनल AI का सेंटर बनाना है।
2026 में आएगा पहला स्वदेशी AI मॉडलइसके अलावा, सरकार का कहना है कि साल 2026 में देश का पहला ‘स्वदेशी AI मॉडल’ लॉन्च हो जाएगा। यह साल की शुरुआत में ही फरवरी के महीने में लॉन्च हो सकता है। सरकार इसे इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट से पहले लॉन्च करना चाहती है। इसे बनाने के पीछे मकसद है कि देश का डेटा सुरक्षित रहे।
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