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बेंगलुरू के रेस्टोरेंट को 'कर्नाटिक' नाम रखना पड़ा भारी, दिल्ली की कोर्ट ने लगा दिया 50 हजार का जुर्माना

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नई दिल्ली : बेंगलुरू के रेस्टोरेंट्स को दिल्ली के कैफे से मिलता जुलता नाम रखना भारी पड़ गया। मामले में कोर्ट ने बेंगलुरू के रेस्टोरेंट्स को ना सिर्फ नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई बल्कि उस पर जुर्मान भी लगाया। दिल्ली की एक अदालत ने बेंगलुरू के एक रेस्तरां को 'कर्नाटिक' नाम का इस्तेमाल करने से यह कहते हुए रोक दिया है कि यह नाम दिल्ली स्थित ‘ कर्नाटिक कैफे ’ के नाम से भ्रामक रूप से मिलता-जुलता है।

ट्रेडमार्क उल्लंघन का मुकदमा
डिस्ट्रिक्ट जज नीलम सिंह ‘कर्नाटिक कैफे’ के मालिक द्वारा बेंगलुरु स्थित ‘लेमनपेपर हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ के रेस्तरां और उसके निदेशकों के खिलाफ दायर ट्रेडमार्क उल्लंघन मुकदमे की सुनवाई कर रही थीं। अदालत ने 29 अक्टूबर के आदेश में कहा, ‘‘वादी (मालिक) ने अपने पंजीकृत ट्रेडमार्क 'कर्नाटिक कैफे' के उल्लंघन के साथ-साथ प्रतिवादियों (लेमनपेपर) द्वारा किए गए अनुचित व्यापार व्यवहार और नकल संबंधी कृत्यों को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है।’


‘कर्नाटिक कैफे’ 50 हजार जुर्माना

अदालत ने कंपनी के कर्मचारियों और एजेंटों को यह निर्देश दिया कि वे ‘कर्नाटिक’ नाम या उससे मिलते-जुलते किसी अन्य नाम, लोगो, प्रतीक या डोमेन नाम का उपयोग करते हुए किसी भी तरह की रेस्त्रां-संबंधी या उससे जुड़ी सेवाओं का निर्माण, बिक्री, प्रचार, विपणन या प्रसार न करें। अदालत ने ‘कर्नाटिक कैफे’ के मालिक को प्रतिपूरक और निवारक क्षति के रूप में 50,000 रुपये और मुकदमे के खर्च के रूप में 10,000 रुपये दिये जाने का भी निर्देश दिया। कोर्ट का यह फैसला इस तरह के ट्रेडमार्क का उल्लंघन करने वाले लोगों को लिए आने वाले समय में आवश्यक रूप से नजीर का कार्य करेगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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