पटना: बिहार के पूर्व विधायक और मोकामा विधानसभा सीट से   जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उम्मीदवार अनंत सिंह को शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी जन सुराज के समर्थक दुलार चंद यादव की हत्या के सिलसिले में हुई है। अनंत सिंह जेडीयू के टिकट पर मोकामा सीट से फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं। अनंत सिंह को राजधानी पटना से लगभग 200 किलोमीटर दूर बाढ़ स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita - BNS) की धारा 103(1), धारा 3(5) और शस्त्र अधिनियम (Arms Act) की गंभीर धाराएं लगाई हैं। आइए जानते हैं इन धाराओं में कितनी सजा का प्रावधान है...   
   
   
पटना पुलिस ने दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में अनंत सिंह के अलावा दो अन्य व्यक्तियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया है, जो घटना के समय मौजूद थे। तीनों को लेकर पटना पुलिस निकल चुकी है और जल्द ही उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
     
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्तिकेय शर्मा ने पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस एम के साथ देर रात एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गिरफ्तारी की पुष्टि की।
     
'कठोर और कुंद वस्तु से चोट' से हुई मौत: SSP
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि दुलार चंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, किसी कठोर और कुंद वस्तु से हृदय और फेफड़ों को चोट पहुंचने के कारण हृदय गति रुकने से उनकी मौत हुई है। एसएसपी ने कहा, 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह हत्या का मामला है।' उन्होंने यह भी बताया कि जांच में यह सामने आया है कि घटना के समय गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम मौके पर मौजूद थे।
   
   
अब जानते हैं, अनंत सिंह को जिन धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, उनमें कितनी सजा हो सकती है। तो पहले आपको बता दें, दुलारचंद हत्या मामले में अनंत सिंह पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (1), धारा 3(5) और शस्त्र अधिनियम (Arms Act) की गंभीर धाराएं लगाई हैं। ये सभी धाराएं मिलकर हत्या, समान अभिप्राय और अवैध हथियार रखने से जुड़ी हैं। इनमें उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है।
   
BNS धारा 103 (1)- हत्या के लिए दंड
BNS की धारा 103(1) के अनुसार, 'जो कोई हत्या करता है, उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास, और साथ ही जुर्माने की सजा दी जा सकती है।' यह धारा पुरानी IPC की धारा 302 के समान है। हत्या जैसे जघन्य अपराधों में अदालत परिस्थिति के अनुसार फांसी या उम्रकैद का फैसला दे सकती है।
   
BNS की धारा 3(5)- समान अभिप्राय
यह धारा कहती है कि अगर किसी अपराध को कई व्यक्ति मिलकर समान इरादे से अंजाम देते हैं, तो हर व्यक्ति उतना ही दोषी माना जाएगा, जैसे उसने अपराध अकेले किया हो। इसका अर्थ है कि अगर हत्या की साजिश या योजना में कई लोग शामिल हैं, तो सभी पर अपराध का समान दायित्व बनता है। यह धारा IPC की धारा 34 का स्थान ले चुकी है। इस धारा में अगर अपराध सिद्ध हो जाता है तो सभी को समान सजा होगी।
   
शस्त्र अधिनियम (Arms Act)
अनंत सिंह पर Arms Act, 1959 की भी धाराएं लगाई गई हैं। इस अधिनियम के तहत बिना लाइसेंस हथियार रखने पर 3 से 7 साल की सजा, अवैध हथियारों के इस्तेमाल या हत्या में प्रयोग पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। Arms (Amendment) Act, 2019 के बाद नियम और सख्त किए गए हैं।
   
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी जानकारों के अनुसार, इन धाराओं का सम्मिलित प्रभाव बहुत गंभीर है। अगर अदालत में हत्या और समान अभिप्राय दोनों सिद्ध हो जाते हैं, तो आरोपी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा से बचना कठिन हो सकता है। अदालत इसमें मृत्युदंड या उम्रकैद की सजा सुना सकती है।
  
पटना पुलिस ने दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में अनंत सिंह के अलावा दो अन्य व्यक्तियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया है, जो घटना के समय मौजूद थे। तीनों को लेकर पटना पुलिस निकल चुकी है और जल्द ही उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्तिकेय शर्मा ने पटना के जिलाधिकारी त्यागराजन एस एम के साथ देर रात एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गिरफ्तारी की पुष्टि की।
'कठोर और कुंद वस्तु से चोट' से हुई मौत: SSP
एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि दुलार चंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, किसी कठोर और कुंद वस्तु से हृदय और फेफड़ों को चोट पहुंचने के कारण हृदय गति रुकने से उनकी मौत हुई है। एसएसपी ने कहा, 'पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह हत्या का मामला है।' उन्होंने यह भी बताया कि जांच में यह सामने आया है कि घटना के समय गिरफ्तार किए गए तीनों व्यक्ति अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम मौके पर मौजूद थे।
किन धाराओं में अनंत सिंह पर केस दर्ज, क्या है सजा का प्रावधानअनंत सिंह की गिरफ्तारी का वीडियो, पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने खुद जाकर किया अनंत सिंह को गिरफ्तार#AnantSingh pic.twitter.com/ORC2o5wVzp
— NBT Bihar (@NBTBihar) November 2, 2025
अब जानते हैं, अनंत सिंह को जिन धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, उनमें कितनी सजा हो सकती है। तो पहले आपको बता दें, दुलारचंद हत्या मामले में अनंत सिंह पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (1), धारा 3(5) और शस्त्र अधिनियम (Arms Act) की गंभीर धाराएं लगाई हैं। ये सभी धाराएं मिलकर हत्या, समान अभिप्राय और अवैध हथियार रखने से जुड़ी हैं। इनमें उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है।
BNS धारा 103 (1)- हत्या के लिए दंड
BNS की धारा 103(1) के अनुसार, 'जो कोई हत्या करता है, उसे मृत्युदंड या आजीवन कारावास, और साथ ही जुर्माने की सजा दी जा सकती है।' यह धारा पुरानी IPC की धारा 302 के समान है। हत्या जैसे जघन्य अपराधों में अदालत परिस्थिति के अनुसार फांसी या उम्रकैद का फैसला दे सकती है।
BNS की धारा 3(5)- समान अभिप्राय
यह धारा कहती है कि अगर किसी अपराध को कई व्यक्ति मिलकर समान इरादे से अंजाम देते हैं, तो हर व्यक्ति उतना ही दोषी माना जाएगा, जैसे उसने अपराध अकेले किया हो। इसका अर्थ है कि अगर हत्या की साजिश या योजना में कई लोग शामिल हैं, तो सभी पर अपराध का समान दायित्व बनता है। यह धारा IPC की धारा 34 का स्थान ले चुकी है। इस धारा में अगर अपराध सिद्ध हो जाता है तो सभी को समान सजा होगी।
शस्त्र अधिनियम (Arms Act)
अनंत सिंह पर Arms Act, 1959 की भी धाराएं लगाई गई हैं। इस अधिनियम के तहत बिना लाइसेंस हथियार रखने पर 3 से 7 साल की सजा, अवैध हथियारों के इस्तेमाल या हत्या में प्रयोग पर आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। Arms (Amendment) Act, 2019 के बाद नियम और सख्त किए गए हैं।
कानूनी विशेषज्ञों की राय
कानूनी जानकारों के अनुसार, इन धाराओं का सम्मिलित प्रभाव बहुत गंभीर है। अगर अदालत में हत्या और समान अभिप्राय दोनों सिद्ध हो जाते हैं, तो आरोपी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा से बचना कठिन हो सकता है। अदालत इसमें मृत्युदंड या उम्रकैद की सजा सुना सकती है।
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