कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम में एक 95 वर्षीय बुजुर्ग ने कथित तौर पर एसआईआर के डर की वजह से सुसाइड कर लिया। गुरुवार को बुजुर्ग के परिवार ने आरोप लगाया कि एसआईआर के चलते उनकी जान गई है। पश्चिम बंगाल में पिछले तीन दिनों में इस तरह की यह दूसरी घटना है। इससे पहले कूचबिहार में भी एक व्यक्ति ने नागरिकता से जुड़ी चिंताओं के चलते आत्महत्या करने की कोशिश की थी।
सीएम ममता बनर्जी का बीजेपी पर हमला
बीरभूम में बुजुर्ग क्षितिज मजूमदार की आत्महत्या के बाद सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला बोला। सीएम ने इसे ‘बीजेपी की डर, बंटवारे और नफरत की राजनीति’ करार दिया है। मृतक बुजुर्ग की बेटी ने बताया कि उनके पिता 40 साल पहले बांग्लादेश के बारीसाल से पश्चिम बंगाल आए थे। उनका नाम 2002 की वोटर लिस्ट से गायब था। उनकी बेटी का कहना है कि वापस बांग्लादेश या डिटेंशन कैंप भेजे जाने के डर के चलते उनके पिता ने सुसाइड कर लिया।
एनआरसी को बताया था मौत का कारण
इससे पहले मंगलवार को पानीहाटी में प्रदीप कर नाम के एक व्यक्ति ने भी सुसाइड कर लिया था। पुलिस कमिश्नर एम. मुरलीधर शर्मा ने बताया कि प्रदीप कर ने अपनी कथित सुसाइड नोट में लिखा था कि मेरी मौत का कारण एनआरसी है। वहीं, कूचबिहार के रहने वाले खैरूल शेख के परिवार ने भी दावा किया कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के चलते खैरूल शेख ने कीटनाशक पी लिया। परिवार का दावा है कि उनके वोटर कार्ड और आधार कार्ड में नाम की गड़बड़ी है। उन्हें डर था कि नाम की गड़बड़ी के चलते उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है। परिवार का कहना है कि इसी बात ने उन्हें इतना परेशान कर दिया कि उन्होंने कीटनाशक तक पी लिया। वह अभी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।
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