लखनऊ: सीएम योगी ने मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर कहा कि शहीद पुलिसकर्मियों का बलिदान देश और प्रदेश की अमूल्य पूंजी है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि इन वीरों की स्मृतियां हमें कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और जनसेवा का अमर संदेश देती है। लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइन्स में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सीएम ने शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया और उनके परिवारीजनों से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2024-25 में उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन बहादुर जवान एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार, हेड कॉन्स्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह (जौनपुर) और कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार (गौतमबुद्धनगर) कर्तव्य पथ पर बीरगति को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिवारीजनों के कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हर आवश्यक कदम उठाने के लिए संकल्पित है। समारोह में डीजीपी राजीव कृष्ण ने शहीदों के जीवन परिचय और उनके सहस की जानकारी दी। शोक पुस्तिका को शहीद स्मारक पर स्थापित किया गया। परेड कमांडर द्वारा 'शोक शस्त्र' की कमांड के बाद दो मिनट का मौन रखा गया और 'सलामी शस्त्र' की कार्यवाही के साथ परिसर देशभक्ति के भाव से भर उठा।
दी गई 30.70 करोड़ की मददसीएम योगी ने बताया कि इस अवधि में केंद्रीय बलों एवं अन्य राज्यों में कार्यरत यूपी मूल के 96 शहीद पलिसकर्मियों के आश्रितों को 30.70 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। पुलिसकर्मियें के कल्याण के लिए जीपीएफ भुगतान, छात्रवृत्ति, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और बोमा धनराशि जैसे कई योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि 234 मेधावियों को 51.10 लाख की छात्रवृत्ति दी गई, जबकि 519 चिकित्सा प्रतिपूर्ति मामलों में 11.85 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई।
सीएम योगी ने कहा कि पुलिस के बेहतर कार्य को देखते हुए उनके बजट में इस वर्ष 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। 2025-26 के लिए 4.061.87 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इसमें डायल-112 वाहनों की खरीद, उपकरणों की आपूर्ति और आधुनिकीकरण योजनाओं के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। राज्य निधि से 317 निर्माण कार्यों के लिए 900 करोड़ से अधिक की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 140 कार्य पूरे हो चुके है।
शहादत को सलाम, हर आंख हुई नमपुलिस लाइन्स में आयोजित स्मृति दिवस परेड के दौरान शोक पुस्तिका आते ही माहौल गमगीन हो गया। शहीदों की वीरता की कहानी सुनते ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और उनके परिवारीजनों की आखें नम हो गई। कार्यक्रम के दौरान सीएम, पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मिये ने शहीदों की यद में दो मिनट का मौन रखा।
गोली लगी, फिर भी बदमाशों पर करते रहे फायरिंगमेरठ निवासी सुनील कुमार सिह यूपी एटीएफ में इंस्पेक्टर थे। 20 जनवरी 2025 की रात 11 बजे वह एक लाख के इनामी अरशद की तलाश में निकले थे। सूचना पर एसटीएफ की टीम ने एक चौराहे पर घेराबंदी कर दी। इस दौरान अरशद साथियों के साथ वहां से गुजरा। टीम ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुका। एसटीएफ की टीम ने उदयपुर भट्ठे के पास अरशद की कार को घेर लिया। इस पर अरशद और उसके साथियों ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। बदमाशों की कई गोलिय सुनील कुमार लगी।
इसके बाद भी सुनील कुमार ने टीम का नेतृत्व करते हुए जवाबी फायरिंग की। इस दैरान फायरिंग से चार बदमाश घायल हो गए। घायल सुनील को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन इलाज के दौरान 22 जनवरी को उनकी मौत हो गई। कार्यक्रम में सुनील की पत्नी मुनेश देवी, बेटे मजीत और दामाद शशाक के साथ पहुंची। मुनेश देवी ने बताया कि बेटे मजोत को पुलिस विभाग में नौकरी दिलाना चाहती है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है।
दुर्गेश की इच्छा थी बेटियां डॉक्टर बनेंबलिया निवासी दुर्गेश कुमार सिंह जौनपुर के चंदवक थाने में सिपाही थे। 17 मई 2025 की रात पशु तस्करी के खिलाफ अभियान के दौरान वे शहीद हो गए। रात 11:50 बजे पशुओं से भरी पिकअप वैन रोकने के प्रयास में चालक ने वाहन उन पर चढ़ा दिया। गंभीर रूप से घायल दुर्गेश को वाराणसी ट्रॉमा सेटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। शहीद स्मृति दिवस में उनकी पत्नी जौनपुर में बेसिक शिक्षिका प्रियंका सिंह बेटियों अपर्णा और अपूर्वा के साथ मौजूद थीं। प्रियका ने बताया कि दुर्गेश की इच्छा थी कि दोनों बेटियां डॉक्टर बने। बेटियों की पढ़ाई आसानी से हो सके, इसके लिए प्रियंका ने सीएम योगी से अपना स्थानांतरण लखनऊ करवाने की मांग की है।
अपराधी को अरेस्ट किया, फिर लगी गोलीशामली निवासी सिपाही सौरभ गौतमबुद्ध नगर में सिपाही थे। 25 मई 2025 की रात गाजियाबाद के मसूरी क्षेत्र में वांछित अपराधी कादिर को गिरफ्तार करने गए थे। मुखबिर की सूचना पर छापेमारी में कादिर को गिरफ्तार लिया गया, लेकिन आरोपितों के चीखने पर उसके साथियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। सौरभ के सिर में गोली लगी, सिपाही सोनित भी घायल हुए। दोनों को यशोदा अस्पताल ले जाया गय, जहां इलाज के दौरान सौरभ शहीद हो गए। सौरभ का विवाह 21 फरवरी 2020 को आयुषी चैधरी से विवाह हुआ था। शहीद स्मृति परेड में आयुषी अपने भाई अक्षय और पिता विशंभर के साथ आई थीं। सौरभ के बाद आयुषी भी उत्तर प्रदेश पुलिस से जुड़ना चाहती हैं।
यूपी पुलिस का लगातार किया गया विस्तारसीएम योगी ने बताया कि 2017 से अब तक 2.09 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है, जिनमे 34,000 महिलाएं शामिल हैं। राजपत्रित स्तर पर 1.52 लाख से अधिक पदोन्नतियां दी गई। वर्तमान में 28,154 पदों पर भर्ती और 2391 पर पदोन्नति प्रक्रिया जारी है। 60,244 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को हाइब्रिड मॉडल पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें साइबर अपराध, एआई आधारित सिमुलेशन और कानूनी दक्षता शामिल है। पुलिस में करीब 31 हजार नए पदों का सूजन किया गया है।
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अयोध्या, मीरजापुर, चचंदौली और सिद्धार्थनगर में 78 महिला पुलिस चौकियां और हर जिले में एक महिला थाना स्वीकृत किया गया है। साथ ही 75 साइबर क्राइम थाने, 107 आर्थिक अपराध इकाइयां, 40 मानव तस्करी निवारण युनिट और 6 एंटी-नारकोटिक्स थाने स्थापित किए गए है। सीएम ने कहा कि लखनऊ में स्थापित 1930 वूमन हेल्पलाइन सेंटर की कॉल क्षमता 40 हजार से बढ़कर 1.60 लाख प्रति महीने हो गई है। साइबर फ्रॉड मिशन सेंटर की स्थापना भी अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि थानों की साइबर टीमो ने दे माह में नागरिकों के 10 करोड़ से अधिक की राशि साइबर ठगी से बचाई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2024-25 में उत्तर प्रदेश पुलिस के तीन बहादुर जवान एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार, हेड कॉन्स्टेबल दुर्गेश कुमार सिंह (जौनपुर) और कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार (गौतमबुद्धनगर) कर्तव्य पथ पर बीरगति को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीदों के परिवारीजनों के कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हर आवश्यक कदम उठाने के लिए संकल्पित है। समारोह में डीजीपी राजीव कृष्ण ने शहीदों के जीवन परिचय और उनके सहस की जानकारी दी। शोक पुस्तिका को शहीद स्मारक पर स्थापित किया गया। परेड कमांडर द्वारा 'शोक शस्त्र' की कमांड के बाद दो मिनट का मौन रखा गया और 'सलामी शस्त्र' की कार्यवाही के साथ परिसर देशभक्ति के भाव से भर उठा।
दी गई 30.70 करोड़ की मददसीएम योगी ने बताया कि इस अवधि में केंद्रीय बलों एवं अन्य राज्यों में कार्यरत यूपी मूल के 96 शहीद पलिसकर्मियों के आश्रितों को 30.70 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। पुलिसकर्मियें के कल्याण के लिए जीपीएफ भुगतान, छात्रवृत्ति, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और बोमा धनराशि जैसे कई योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि 234 मेधावियों को 51.10 लाख की छात्रवृत्ति दी गई, जबकि 519 चिकित्सा प्रतिपूर्ति मामलों में 11.85 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई।
सीएम योगी ने कहा कि पुलिस के बेहतर कार्य को देखते हुए उनके बजट में इस वर्ष 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। 2025-26 के लिए 4.061.87 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इसमें डायल-112 वाहनों की खरीद, उपकरणों की आपूर्ति और आधुनिकीकरण योजनाओं के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। राज्य निधि से 317 निर्माण कार्यों के लिए 900 करोड़ से अधिक की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 140 कार्य पूरे हो चुके है।
शहादत को सलाम, हर आंख हुई नमपुलिस लाइन्स में आयोजित स्मृति दिवस परेड के दौरान शोक पुस्तिका आते ही माहौल गमगीन हो गया। शहीदों की वीरता की कहानी सुनते ही वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और उनके परिवारीजनों की आखें नम हो गई। कार्यक्रम के दौरान सीएम, पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मिये ने शहीदों की यद में दो मिनट का मौन रखा।
गोली लगी, फिर भी बदमाशों पर करते रहे फायरिंगमेरठ निवासी सुनील कुमार सिह यूपी एटीएफ में इंस्पेक्टर थे। 20 जनवरी 2025 की रात 11 बजे वह एक लाख के इनामी अरशद की तलाश में निकले थे। सूचना पर एसटीएफ की टीम ने एक चौराहे पर घेराबंदी कर दी। इस दौरान अरशद साथियों के साथ वहां से गुजरा। टीम ने उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह नहीं रुका। एसटीएफ की टीम ने उदयपुर भट्ठे के पास अरशद की कार को घेर लिया। इस पर अरशद और उसके साथियों ने एसटीएफ की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। बदमाशों की कई गोलिय सुनील कुमार लगी।
इसके बाद भी सुनील कुमार ने टीम का नेतृत्व करते हुए जवाबी फायरिंग की। इस दैरान फायरिंग से चार बदमाश घायल हो गए। घायल सुनील को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन इलाज के दौरान 22 जनवरी को उनकी मौत हो गई। कार्यक्रम में सुनील की पत्नी मुनेश देवी, बेटे मजीत और दामाद शशाक के साथ पहुंची। मुनेश देवी ने बताया कि बेटे मजोत को पुलिस विभाग में नौकरी दिलाना चाहती है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है।
दुर्गेश की इच्छा थी बेटियां डॉक्टर बनेंबलिया निवासी दुर्गेश कुमार सिंह जौनपुर के चंदवक थाने में सिपाही थे। 17 मई 2025 की रात पशु तस्करी के खिलाफ अभियान के दौरान वे शहीद हो गए। रात 11:50 बजे पशुओं से भरी पिकअप वैन रोकने के प्रयास में चालक ने वाहन उन पर चढ़ा दिया। गंभीर रूप से घायल दुर्गेश को वाराणसी ट्रॉमा सेटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। शहीद स्मृति दिवस में उनकी पत्नी जौनपुर में बेसिक शिक्षिका प्रियंका सिंह बेटियों अपर्णा और अपूर्वा के साथ मौजूद थीं। प्रियका ने बताया कि दुर्गेश की इच्छा थी कि दोनों बेटियां डॉक्टर बने। बेटियों की पढ़ाई आसानी से हो सके, इसके लिए प्रियंका ने सीएम योगी से अपना स्थानांतरण लखनऊ करवाने की मांग की है।
अपराधी को अरेस्ट किया, फिर लगी गोलीशामली निवासी सिपाही सौरभ गौतमबुद्ध नगर में सिपाही थे। 25 मई 2025 की रात गाजियाबाद के मसूरी क्षेत्र में वांछित अपराधी कादिर को गिरफ्तार करने गए थे। मुखबिर की सूचना पर छापेमारी में कादिर को गिरफ्तार लिया गया, लेकिन आरोपितों के चीखने पर उसके साथियों ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। सौरभ के सिर में गोली लगी, सिपाही सोनित भी घायल हुए। दोनों को यशोदा अस्पताल ले जाया गय, जहां इलाज के दौरान सौरभ शहीद हो गए। सौरभ का विवाह 21 फरवरी 2020 को आयुषी चैधरी से विवाह हुआ था। शहीद स्मृति परेड में आयुषी अपने भाई अक्षय और पिता विशंभर के साथ आई थीं। सौरभ के बाद आयुषी भी उत्तर प्रदेश पुलिस से जुड़ना चाहती हैं।
यूपी पुलिस का लगातार किया गया विस्तारसीएम योगी ने बताया कि 2017 से अब तक 2.09 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है, जिनमे 34,000 महिलाएं शामिल हैं। राजपत्रित स्तर पर 1.52 लाख से अधिक पदोन्नतियां दी गई। वर्तमान में 28,154 पदों पर भर्ती और 2391 पर पदोन्नति प्रक्रिया जारी है। 60,244 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को हाइब्रिड मॉडल पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें साइबर अपराध, एआई आधारित सिमुलेशन और कानूनी दक्षता शामिल है। पुलिस में करीब 31 हजार नए पदों का सूजन किया गया है।
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अयोध्या, मीरजापुर, चचंदौली और सिद्धार्थनगर में 78 महिला पुलिस चौकियां और हर जिले में एक महिला थाना स्वीकृत किया गया है। साथ ही 75 साइबर क्राइम थाने, 107 आर्थिक अपराध इकाइयां, 40 मानव तस्करी निवारण युनिट और 6 एंटी-नारकोटिक्स थाने स्थापित किए गए है। सीएम ने कहा कि लखनऊ में स्थापित 1930 वूमन हेल्पलाइन सेंटर की कॉल क्षमता 40 हजार से बढ़कर 1.60 लाख प्रति महीने हो गई है। साइबर फ्रॉड मिशन सेंटर की स्थापना भी अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि थानों की साइबर टीमो ने दे माह में नागरिकों के 10 करोड़ से अधिक की राशि साइबर ठगी से बचाई है।
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