नई दिल्ली: आजकल फेंके हुए कपड़े और फास्ट फैशन का कचरा लैंडफिल में जमा होता जा रहा है। ऐसे समय में दो युवा उद्यमियों मयंक सिंह और आयुष सक्सेना ने कबाड़ से ऐसा बिजनेस खड़ा किया है जो जबरदस्त कमाई करा रहा है। उनका स्टार्टअप टूयूज्ड (Tooused) लोगों को पुराने कपड़े, चमड़े का सामान, जूते और इलेक्ट्रॉनिक्स रीसायकल करने की सुविधा देता है। इसके बदले में उन्हें क्रेडिट मिलते हैं, जिन्हें वे नकद या वाउचर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
टूयूज्ड की स्थापना साल 2023 में Letfly Direct Technologies Pvt. Ltd. के नाम से हुई थी। यह कंपनी गुड़गांव (हरियाणा) में स्थित है। मयंक इसके सीईओ हैं और टेक्नोलॉजी व लॉजिस्टिक्स संभालते हैं। वहीं आयुष सीबीओ हैं और B2B ऑपरेशन्स देखते हैं। शुरुआत में यह B2C (बिजनेस-टू-कंज्यूमर) मॉडल पर काम कर रहा था, लेकिन अप्रैल 2025 में यह B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) में भी फैल गया।
कैसे काम करती है कंपनी?यह कंपनी उन परिवारों और व्यवसायों से कपड़े इकट्ठा करती है जो अपने पुराने सामान से छुटकारा पाना चाहते हैं। जो कपड़े पहनने लायक होते हैं, उन्हें लगभग 6,000 खरीदारों और एनजीओ को बेचा जाता है। ये खरीदार टियर-2 और टियर-3 शहरों में सप्लाई करते हैं। इससे H&M जैसे बड़े ब्रांड के कपड़े उन लोगों के लिए भी किफायती हो जाते हैं जो शायद उन्हें असली कीमत पर नहीं खरीद पाते।
रीसायकल भी किए जाते हैं कपड़ेजो कपड़े इस्तेमाल के लायक नहीं होते, उन्हें रीसायकल करके टिकाऊ फैब्रिक बनाया जाता है। यह फैब्रिक उत्तर भारत, पंजाब, कोलकाता, अहमदाबाद और नासिक के खरीदारों को बेचा जाता है।
Tooused ने अपने रीसायकल किए गए फैब्रिक का इस्तेमाल कॉर्पोरेट इंटीरियर्स के लिए भी किया है, जिसमें Chaos और Blue Pine जैसे ऑफिस शामिल हैं। कई क्विक डिलीवरी ब्रांड्स ने भी उनके साथ पार्टनरशिप की है। दिल्ली के छतरपुर में उनकी टेक्सटाइल रीसाइक्लिंग फैसिलिटी (TRF) में कपड़ों को छांटा और रीसायकल किया जाता है।
ऑनलाइन डिलीवरी का ऑप्शनव्यक्तियों के लिए प्रक्रिया समझाते हुए मयंक कहते हैं कि उन्हें बस ऐप डाउनलोड करना है और ऐप पर ऑर्डर देना है। एक या दो दिन के अंदर उनके दरवाजे पर 24x24 इंच का एक कार्टन डिलीवर किया जाएगा, जिस पर रिवर्स शिपिंग लेबल छपा होगा।
Tooused अपने ग्राहकों को इस बैग को तैयार करने के लिए कुछ समय देता है। जब यह तैयार हो जाता है, तो लॉजिस्टिक्स पार्टनर आकर उसे दो से तीन दिनों में Tooused ऑफिस भेज देता है। जब कार्टन TRF फैसिलिटी में पहुंचता है, तो वहां की टीम कपड़ों को रंग, आकार और मटेरियल के हिसाब से अलग करती है।'
ग्राहकों को मिलते हैं क्रेडिट पॉइंटTooused ऐप ग्राहकों को CO2 ट्रैकर की सुविधा भी देता है, जिससे वे कार्बन उत्सर्जन कम करने में अपने योगदान का प्रभाव देख सकते हैं। इस कार्टन के बदले में (जिसमें आमतौर पर 15 से 20 कपड़े होते हैं) Tooused ग्राहक के Tooused वॉलेट में क्रेडिट पॉइंट जोड़ देता है।
एक क्रेडिट एक रुपये के बराबर है। इन क्रेडिट पॉइंट्स का इस्तेमाल फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी आदि जैसे लगभग 200 ब्रांड्स से कुछ भी खरीदने के लिए किया जा सकता है। औसतन एक बॉक्स ग्राहक के लिए 400 से 600 रुपये के वाउचर के बराबर होता है। अगर ग्राहक इसे अपने UPI वॉलेट में कैश आउट करना चाहता है, तो वे कर सकते हैं। हालांकि ऐसे में रकम आमतौर पर मूल रकम की एक चौथाई रह जाती है, क्योंकि पुराने कपड़ों का पुनर्विक्रय मूल्य बहुत कम होता है।
कितनी हो रही कमाई?दो साल से भी कम समय में टूयूज्ड ने कमाल की तरक्की की है। अपने पहले ही साल में कंपनी ने 31 लाख रुपये का रेवेन्यू कमाया। इस साल वे पहले ही 2.8 करोड़ रुपये तक पहुंच चुके हैं और 4.5 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा करने की राह पर हैं।
टूयूज्ड की स्थापना साल 2023 में Letfly Direct Technologies Pvt. Ltd. के नाम से हुई थी। यह कंपनी गुड़गांव (हरियाणा) में स्थित है। मयंक इसके सीईओ हैं और टेक्नोलॉजी व लॉजिस्टिक्स संभालते हैं। वहीं आयुष सीबीओ हैं और B2B ऑपरेशन्स देखते हैं। शुरुआत में यह B2C (बिजनेस-टू-कंज्यूमर) मॉडल पर काम कर रहा था, लेकिन अप्रैल 2025 में यह B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) में भी फैल गया।
कैसे काम करती है कंपनी?यह कंपनी उन परिवारों और व्यवसायों से कपड़े इकट्ठा करती है जो अपने पुराने सामान से छुटकारा पाना चाहते हैं। जो कपड़े पहनने लायक होते हैं, उन्हें लगभग 6,000 खरीदारों और एनजीओ को बेचा जाता है। ये खरीदार टियर-2 और टियर-3 शहरों में सप्लाई करते हैं। इससे H&M जैसे बड़े ब्रांड के कपड़े उन लोगों के लिए भी किफायती हो जाते हैं जो शायद उन्हें असली कीमत पर नहीं खरीद पाते।
रीसायकल भी किए जाते हैं कपड़ेजो कपड़े इस्तेमाल के लायक नहीं होते, उन्हें रीसायकल करके टिकाऊ फैब्रिक बनाया जाता है। यह फैब्रिक उत्तर भारत, पंजाब, कोलकाता, अहमदाबाद और नासिक के खरीदारों को बेचा जाता है।
Tooused ने अपने रीसायकल किए गए फैब्रिक का इस्तेमाल कॉर्पोरेट इंटीरियर्स के लिए भी किया है, जिसमें Chaos और Blue Pine जैसे ऑफिस शामिल हैं। कई क्विक डिलीवरी ब्रांड्स ने भी उनके साथ पार्टनरशिप की है। दिल्ली के छतरपुर में उनकी टेक्सटाइल रीसाइक्लिंग फैसिलिटी (TRF) में कपड़ों को छांटा और रीसायकल किया जाता है।
ऑनलाइन डिलीवरी का ऑप्शनव्यक्तियों के लिए प्रक्रिया समझाते हुए मयंक कहते हैं कि उन्हें बस ऐप डाउनलोड करना है और ऐप पर ऑर्डर देना है। एक या दो दिन के अंदर उनके दरवाजे पर 24x24 इंच का एक कार्टन डिलीवर किया जाएगा, जिस पर रिवर्स शिपिंग लेबल छपा होगा।
Tooused अपने ग्राहकों को इस बैग को तैयार करने के लिए कुछ समय देता है। जब यह तैयार हो जाता है, तो लॉजिस्टिक्स पार्टनर आकर उसे दो से तीन दिनों में Tooused ऑफिस भेज देता है। जब कार्टन TRF फैसिलिटी में पहुंचता है, तो वहां की टीम कपड़ों को रंग, आकार और मटेरियल के हिसाब से अलग करती है।'
ग्राहकों को मिलते हैं क्रेडिट पॉइंटTooused ऐप ग्राहकों को CO2 ट्रैकर की सुविधा भी देता है, जिससे वे कार्बन उत्सर्जन कम करने में अपने योगदान का प्रभाव देख सकते हैं। इस कार्टन के बदले में (जिसमें आमतौर पर 15 से 20 कपड़े होते हैं) Tooused ग्राहक के Tooused वॉलेट में क्रेडिट पॉइंट जोड़ देता है।
एक क्रेडिट एक रुपये के बराबर है। इन क्रेडिट पॉइंट्स का इस्तेमाल फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी आदि जैसे लगभग 200 ब्रांड्स से कुछ भी खरीदने के लिए किया जा सकता है। औसतन एक बॉक्स ग्राहक के लिए 400 से 600 रुपये के वाउचर के बराबर होता है। अगर ग्राहक इसे अपने UPI वॉलेट में कैश आउट करना चाहता है, तो वे कर सकते हैं। हालांकि ऐसे में रकम आमतौर पर मूल रकम की एक चौथाई रह जाती है, क्योंकि पुराने कपड़ों का पुनर्विक्रय मूल्य बहुत कम होता है।
कितनी हो रही कमाई?दो साल से भी कम समय में टूयूज्ड ने कमाल की तरक्की की है। अपने पहले ही साल में कंपनी ने 31 लाख रुपये का रेवेन्यू कमाया। इस साल वे पहले ही 2.8 करोड़ रुपये तक पहुंच चुके हैं और 4.5 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पूरा करने की राह पर हैं।
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