गुरुग्राम   : दिल्ली से सटे   गुरुग्राम में अब ट्रैफिक पुलिसकर्मी सड़क पर वाहन चालकों से बातचीत करते समय ‘सॉरी’ और ‘थैंक यू’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। पुलिस प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल पुलिस और जनता के बीच संवाद अधिक सभ्य और सहज बनेगा, बल्कि ट्रैफिक प्रबंधन में भी सकारात्मक सुधार देखने को मिलेगा। बुधवार को डीसीपी ट्रैफिक राजेश मोहन ने यह निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी ट्रैफिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी सड़क पर जनता से बातचीत करते समय ‘सॉरी’ और ‘थैंक यू’ जैसे शब्दों का प्रयोग करें। इससे पुलिस और सड़क उपयोगकर्ताओं के बीच संवाद अधिक शालीन और बिना तनाव के होगा।   
   
   
     
यह पहल हरियाणा डीजीपी ओपी सिंह के दिशा-निर्देशों के बाद शुरू की गई है, जिन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था को और अधिक कुशल, पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल बनाने पर जोर दिया है। इसी क्रम में डीसीपी राजेश मोहन ने बुधवार को शहर के कई प्रमुख ट्रैफिक जंक्शनों का विशेष निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डीसीपी ने सभी जोनल अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘स्टैनफोर्ड डिज़ाइन थिंकिंग मॉडल’के उपयोग के बारे में भी बताया। इस मॉडल के तहत सड़क उपयोगकर्ताओं की समस्याओं की पहचान की जाती है और फिर उनके समाधान के लिए व्यवहारिक कदम उठाए जाते हैं।
   
     
   
शहर के प्रमुख ट्रैफिक पॉइंट्स का निरीक्षण किया
   
डीसीपी ने DLF फेज-1, साइबर सिटी, सिकंदरपुर पावर हाउस, नाथूपुर टी-पॉइंट, ब्रिस्टल चौक, एमजी रोड, एमजीएफ मॉल और सिल्वर ओक्स/खुशबू चौक जैसे शहर के प्रमुख ट्रैफिक पॉइंट्स का निरीक्षण किया। इस दौरान वरिष्ठ ट्रैफिक अधिकारी और पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे। डीसीपी ने निरीक्षण के बाद कहा कि गुरुग्राम जैसे तेजी से विकसित होते शहर में ट्रैफिक संचालन को सुचारू और सुरक्षित बनाना एक चुनौती है, लेकिन यदि पुलिस कर्मी अपने व्यवहार में शालीनता और पेशेवराना रवैया अपनाएं, तो नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा और यातायात व्यवस्था भी बेहतर होगी। उन्होंने सभी ट्रैफिक कर्मियों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों को ईमानदारी, सौजन्यता और सहानुभूति के साथ निभाएं, ताकि शहर में सड़क सुरक्षा और यातायात अनुशासन दोनों में सुधार हो।
   
   
   
डीजीपी ने एक्स पर कही थी ये बात
   
डीजीपी ओपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स एक्स पर लिखा कि मैंने डीसीपी ट्रैफिक गुरुग्राम से बात की और उन्हें स्टैनफोर्ड डिज़ाइन थिंकिंग लैब विधि का उपयोग कर सड़क उपयोगकर्ताओं की परेशानियों को पहचानने और दूर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्हें यह भी कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दें कि वे जनता से संवाद करते समय ‘गोल्डन वर्ड्स’ का इस्तेमाल करें। मैं दो हफ्ते बाद इस पहल की प्रगति की समीक्षा करूंगा।
   
  
यह पहल हरियाणा डीजीपी ओपी सिंह के दिशा-निर्देशों के बाद शुरू की गई है, जिन्होंने ट्रैफिक व्यवस्था को और अधिक कुशल, पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल बनाने पर जोर दिया है। इसी क्रम में डीसीपी राजेश मोहन ने बुधवार को शहर के कई प्रमुख ट्रैफिक जंक्शनों का विशेष निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डीसीपी ने सभी जोनल अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘स्टैनफोर्ड डिज़ाइन थिंकिंग मॉडल’के उपयोग के बारे में भी बताया। इस मॉडल के तहत सड़क उपयोगकर्ताओं की समस्याओं की पहचान की जाती है और फिर उनके समाधान के लिए व्यवहारिक कदम उठाए जाते हैं।
शहर के प्रमुख ट्रैफिक पॉइंट्स का निरीक्षण किया
डीसीपी ने DLF फेज-1, साइबर सिटी, सिकंदरपुर पावर हाउस, नाथूपुर टी-पॉइंट, ब्रिस्टल चौक, एमजी रोड, एमजीएफ मॉल और सिल्वर ओक्स/खुशबू चौक जैसे शहर के प्रमुख ट्रैफिक पॉइंट्स का निरीक्षण किया। इस दौरान वरिष्ठ ट्रैफिक अधिकारी और पुलिस कर्मी भी मौजूद रहे। डीसीपी ने निरीक्षण के बाद कहा कि गुरुग्राम जैसे तेजी से विकसित होते शहर में ट्रैफिक संचालन को सुचारू और सुरक्षित बनाना एक चुनौती है, लेकिन यदि पुलिस कर्मी अपने व्यवहार में शालीनता और पेशेवराना रवैया अपनाएं, तो नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा और यातायात व्यवस्था भी बेहतर होगी। उन्होंने सभी ट्रैफिक कर्मियों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों को ईमानदारी, सौजन्यता और सहानुभूति के साथ निभाएं, ताकि शहर में सड़क सुरक्षा और यातायात अनुशासन दोनों में सुधार हो।
डीजीपी ने एक्स पर कही थी ये बात
डीजीपी ओपी सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स एक्स पर लिखा कि मैंने डीसीपी ट्रैफिक गुरुग्राम से बात की और उन्हें स्टैनफोर्ड डिज़ाइन थिंकिंग लैब विधि का उपयोग कर सड़क उपयोगकर्ताओं की परेशानियों को पहचानने और दूर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्हें यह भी कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दें कि वे जनता से संवाद करते समय ‘गोल्डन वर्ड्स’ का इस्तेमाल करें। मैं दो हफ्ते बाद इस पहल की प्रगति की समीक्षा करूंगा।
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