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'जख्म देखे बिना रहा नहीं गया': तोरपा रेफरल अस्पताल में गार्ड ने संभाली इमरजेंसी, घायल मरीज का किया इलाज

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खूंटी: झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। राजधानी रांची से मात्र 50 किलोमीटर दूर, खूंटी जिले के तोरपा सरकारी रेफरल अस्पताल में डॉक्टर की अनुपस्थिति में एक सुरक्षा गार्ड को घायल मरीज का इलाज करते हुए देखा गया। यह घटना 21वीं सदी के भारत और 25 साल के झारखंड की स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को उजागर करती है।

डॉक्टर नहीं मिला तो गार्ड ने थामे टांके
दरअसल, तोरपा के पास एक सड़क हादसे में बाइक सवार दो युवक मस्जिद मोहल्ला के नौशाद और कामडारा के रोशन गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने तुरंत एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची। ग्रामीणों को निजी वाहन से घायलों को अस्पताल पहुंचाना पड़ा।


मरीज को तड़पता देख सिक्योरिटी गार्ड से रहा नहीं गया
घायल युवक अस्पताल तो पहुंच गए, लेकिन ड्यूटी पर डॉक्टर नदारद थे। मरीज को तड़पता देख ड्यूटी पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड से रहा नहीं गया। उसने ग्लव्स पहनकर खुद ही घायल युवक के जख्मों की जाँच शुरू कर दी और टांके लगाने लगा।


सरकार के भरोसे नहीं, भगवान भरोसे
जब लोगों ने गार्ड को इलाज करते देखा और पूछा कि क्या वह डॉक्टर है, तो गार्ड ने इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि वह जख्म देखे बिना रह नहीं सका। इस घटना ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के विभाग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि बिरसा की धरती की स्वास्थ्य व्यवस्था सरकार के भरोसे नहीं, बल्कि भगवान भरोसे चल रही है। तस्वीरें साफ दर्शाती हैं कि अस्पताल नाम की इमारतें तो खड़ी हैं, लेकिन उनकी रक्षा करने वाला गार्ड अब डबल ड्यूटी कर रहा है, यानी इलाज भी कर रहा है।

ये घटना एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने जैसे अन्य विवादों से जूझ रहे झारखंड के स्वास्थ्य विभाग की बेकाबू स्थिति को दर्शाती है, जिससे राज्य की जग हंसाई हो रही है।

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