भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज और 'ओगिल्वी इंडिया' के क्रिएटिव लीडर पीयूष पांडे का निधन हो गया। उन्होंने 70 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। उन्होंने सिर्फ यादगार विज्ञापन ही नहीं बनाए, बल्कि इसमें जान डाल देते थे। उनकी मौत पर इंडस्ट्री में भी शोक की लहर है। हंसल मेहता से लेकर स्मृति ईरानी तक ने दुख जताया है।
साल 1955 में जयपुर में जन्में पीयूष पांडे विज्ञापन जगत की महान हस्ती थे। उन्होंने फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स जैसे ब्रांडों के लिए यादगार विज्ञापन बनाए। उनके निधन से इंडस्ट्री में मातम पसर गया है।
स्मृति ईरानी ने कहा- उन्होंने विचारों को अमर बना दिया
एक्ट्रेस और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी लिखा, 'पीयूष पांडे सिर्फ एक विज्ञापन कलाकार नहीं थे, वे भारत के बेहतरीन कहानीकारों में से एक थे। उन्होंने हमें सिखाया कि भावनाएं रचनात्मकता की सबसे सच्ची भाषा हैं। उनके शब्दों ने ब्रांडों को मानवीय और विचारों को अमर बना दिया। एक ऐसे दिग्गज को विदाई जिसने हमें महसूस करने, सोचने और मुस्कुराने का मौका दिया।'
हंसल मेहता ने कहा- फेविकोल का जोड़ टूट गया
फिल्ममेकर हंसल मेहता ने X पर लिखा, 'फेविकोल का जोड़ टूट गया। विज्ञापन जगत ने आज अपना गोंद खो दिया। पीयूष पांडे अच्छे से जाना।'
जिसने विज्ञापन में क्रिएटिविटी को परिभाषित किया
संगीतकार एहसान नूरानी ने पीयूष पांडे की फोटो शेयर की और लिख, 'पीयूष पांडे, आपकी आत्मा को शांति मिले, वह व्यक्ति जिसने विज्ञापन में रचनात्मकता को फिर से परिभाषित किया और सबसे यादगार अभियान बनाए।'
पीयूष का परिवार भी इंडस्ट्री में
पीयूष के भाई प्रसून पांडे फिल्म निर्देशक हैं। उनकी बहन ईला अरुण सिंगर और एक्ट्रेस रही हैं। पीयूष ने दिल्ली में ग्रेजुएशन किया। साल 1982 में विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने पहला प्रिंट विज्ञापन सनलाइट डिटर्जेंट के लिए लिखा था। लूना मोपेड, फेविकोल के लिए आइकॉनिक एग, कैडबरी 'कुछ खास है', एशियन पेंट्स 'हर खुशी में रंग लाए' और हच के पग वाले विज्ञापन तैयार किए। इसके अलावा उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी नारा 'अबकी बार, मोदी सरकार' दिया। राष्ट्रीय एकता गीत 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' भी लिखा। पीयूष को साल 2016 में भारत सरकार ने पद्म श्री से नवाजा था।
साल 1955 में जयपुर में जन्में पीयूष पांडे विज्ञापन जगत की महान हस्ती थे। उन्होंने फेविकोल, कैडबरी और एशियन पेंट्स जैसे ब्रांडों के लिए यादगार विज्ञापन बनाए। उनके निधन से इंडस्ट्री में मातम पसर गया है।
स्मृति ईरानी ने कहा- उन्होंने विचारों को अमर बना दिया
Piyush Pandey wasn’t just an ad man — he was one of India’s finest storytellers . He taught us that emotion is the truest language of creativity. His words made brands human, and ideas immortal. Farewell to a legend who made us feel, think, and smile.
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 24, 2025
एक्ट्रेस और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी लिखा, 'पीयूष पांडे सिर्फ एक विज्ञापन कलाकार नहीं थे, वे भारत के बेहतरीन कहानीकारों में से एक थे। उन्होंने हमें सिखाया कि भावनाएं रचनात्मकता की सबसे सच्ची भाषा हैं। उनके शब्दों ने ब्रांडों को मानवीय और विचारों को अमर बना दिया। एक ऐसे दिग्गज को विदाई जिसने हमें महसूस करने, सोचने और मुस्कुराने का मौका दिया।'
हंसल मेहता ने कहा- फेविकोल का जोड़ टूट गया
Fevicol ka jod toot gaya. The ad world lost its glue today. Go well Piyush Pandey.
— Hansal Mehta (@mehtahansal) October 24, 2025
फिल्ममेकर हंसल मेहता ने X पर लिखा, 'फेविकोल का जोड़ टूट गया। विज्ञापन जगत ने आज अपना गोंद खो दिया। पीयूष पांडे अच्छे से जाना।'
जिसने विज्ञापन में क्रिएटिविटी को परिभाषित किया
Rest in Peace Piyush Pandey the man who redefined creativity in advertising and creating the most memorable campaigns . pic.twitter.com/DUAX1mAPgk
— Ehsaan Noorani (@EhsaanNoorani) October 24, 2025
संगीतकार एहसान नूरानी ने पीयूष पांडे की फोटो शेयर की और लिख, 'पीयूष पांडे, आपकी आत्मा को शांति मिले, वह व्यक्ति जिसने विज्ञापन में रचनात्मकता को फिर से परिभाषित किया और सबसे यादगार अभियान बनाए।'
पीयूष का परिवार भी इंडस्ट्री में
पीयूष के भाई प्रसून पांडे फिल्म निर्देशक हैं। उनकी बहन ईला अरुण सिंगर और एक्ट्रेस रही हैं। पीयूष ने दिल्ली में ग्रेजुएशन किया। साल 1982 में विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने पहला प्रिंट विज्ञापन सनलाइट डिटर्जेंट के लिए लिखा था। लूना मोपेड, फेविकोल के लिए आइकॉनिक एग, कैडबरी 'कुछ खास है', एशियन पेंट्स 'हर खुशी में रंग लाए' और हच के पग वाले विज्ञापन तैयार किए। इसके अलावा उन्होंने 2014 में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी नारा 'अबकी बार, मोदी सरकार' दिया। राष्ट्रीय एकता गीत 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' भी लिखा। पीयूष को साल 2016 में भारत सरकार ने पद्म श्री से नवाजा था।
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