सोमवार का दिन जोधपुर के लिए गर्व और खुशी से भरा रहा, जब हार्दिक कच्छवाहा ने सीए फाइनल परीक्षा 2025 में ऑल इंडिया रैंक-10 हासिल कर पूरे शहर का नाम देशभर में रोशन किया। इस सफलता ने न केवल हार्दिक और उनके परिवार का गौरव बढ़ाया, बल्कि जोधपुर के शिक्षा क्षेत्र के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने हाल ही में सितंबर 2025 में आयोजित सीए फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए। इस वर्ष जोधपुर के कई विद्यार्थियों ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। हार्दिक कच्छवाहा का यह टॉप-10 स्थान विशेष रूप से प्रेरणादायक है, क्योंकि इस प्रतियोगिता में देशभर के हजारों प्रतिभागी शामिल हुए थे।
हार्दिक के घर पर जैसे ही परिणाम घोषित हुआ, जश्न का माहौल बन गया। परिवारजनों ने हार्दिक को माला पहनाकर मुंह मीठा कराया, जबकि रिश्तेदार और मित्रों ने पहुंचकर उन्हें बधाइयां दीं। हार्दिक के पिता ने कहा, “हमारे लिए यह गर्व का क्षण है। हार्दिक की मेहनत, लगन और अनुशासन ने इसे संभव बनाया। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”
हार्दिक ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह सफलता केवल उनकी नहीं, बल्कि उनके परिवार, शिक्षकों और मार्गदर्शकों की मेहनत का भी परिणाम है। उन्होंने कहा, “सीए की तैयारी कठिन होती है। इसमें समय प्रबंधन, विषयों का गहन अध्ययन और लगातार अभ्यास आवश्यक है। मैं अपने साथियों को यह संदेश देना चाहता हूँ कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।”
शिक्षकों का कहना है कि हार्दिक कच्छवाहा की सफलता का मूल कारण उनकी अनुशासित तैयारी, लगातार अध्ययन और समस्या सुलझाने की क्षमता रही। उन्होंने विभिन्न कठिन विषयों को योजनाबद्ध तरीके से सीखा और प्रैक्टिकल एप्लीकेशन पर विशेष ध्यान दिया।
जोधपुर और राजस्थान के लिए यह उपलब्धि गर्व का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की सफलता युवा छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है और यह साबित करती है कि सही मार्गदर्शन, मेहनत और धैर्य से कोई भी कठिन परीक्षा सफलतापूर्वक पास की जा सकती है।
हार्दिक अब अपनी आगे की तैयारी प्रोफेशनल करियर और विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञता के लिए कर रहे हैं। उनका लक्ष्य न केवल व्यक्तिगत सफलता हासिल करना है, बल्कि राजस्थान के युवाओं के लिए प्रेरणा बनना भी है।
जोधपुर के इस टॉप-10 स्थान ने शहर और राज्य के छात्रों के लिए उच्चतम मानक स्थापित किया है। यह उपलब्धि न केवल हार्दिक के व्यक्तिगत संघर्ष का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि मेहनत, लगन और समर्पण से किसी भी कठिन लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
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