चित्रकूट, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . धर्मनगरी स्थित सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय जानकी कुंड में Saturday को कार्तिक शुक्ल चतुर्थी के अवसर पर 116वें तारा नेत्र यज्ञ का शुभारम्भ गुरु पादुका पूजन के साथ किया गया.
वर्ष 1950 में धर्मगनरी के प्रमोदवन में संत रणछोड़दास महराज द्वारा प्रथम नेत्रयज्ञ का आयोजन किया गया था. जिसमें मुम्बई से चिकित्सकों एवं कार्यकर्ताओ की टीम आयी थी और कच्चे बैरक और टेंट में 950 मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए थे. इसके बाद से लेकर आज तक तारा नेत्र यज्ञ का यह क्रम अनवरत चलता आ रहा है. जिसमें Saturday को 116वें तारा नेत्रयज्ञ का शुभारम्भ ट्रस्ट के ट्रस्टी पद्म डॉ बीके जैन, ऊषा जैन, मिलोनी बेन मुम्बई एवं डॉ इलेश जैन द्वारा किया गया.
इस दौरान रघुवीर मंदिर में सदगुरु परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आचार्यों द्वारा गुरु पादुका पूजन किया गया. इसके बाद प्रार्थना भवन में नेत्र यज्ञ का ध्वजारोहण, पूजन एवं उद्घाटन का कार्यक्रम हुआ.
जिसके बाद ऑपरेशन थियेटर में मोतियाबिंद जनित अंधत्व से पीड़ित रोगियों को ऑपरेशन के लिए ले जाया गया. इस मौके पर दमयंती बेन सेक्पाल मुबई, रमा बेन हरियाणी जयपुर सहित अन्य जगहों से आए सदगुरू परिवार के सदस्य मौजूद रहे.
इस वर्ष को सदगुरू परिवार हीरक जयंती के रूप में मना रहा है. जिसके तहत संत रणछोड़ दास महराज की शिष्या दमयंती बेन और रमा बेन को ट्रस्टी पद्म डॉ बीके जैन, ऊषा जैन, मिलोनी बेन एवं डॉ इलेश जैन ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. इस दौरान ट्रस्ट के प्रथम अध्यक्ष सेठ अरविंद भाई मफत लाल को याद करते हुए पद्म डॉ बीके जैन ने कहा कि उनके द्वारा किया गया काम और सराहनीय है. वह जो वृक्ष तैयार करके गए थे, वह आज छाया देने का काम कर रहे हैं.
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(Udaipur Kiran) / रतन पटेल
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