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विश्व स्वास्थ्य संगठन शिखर सम्मेलन से पहले साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा पर मंथन, वैश्विक प्रयासों पर रहा जोर

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New Delhi, 10 नवंबर (Udaipur Kiran) . केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने Monday को विश्व स्वास्थ्य संगठन शिखर सम्मेलन से पहले साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा पर मंथन में वैश्विक प्रयासों पर जोर दिया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह शिखर सम्मेलन विश्वभर में न्यायसंगत, सुलभ और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों के हमारे साझा प्रयास में एक और बड़ी उपलब्धि है. पारंपरिक चिकित्सा सांस्कृतिक पहचान, सामुदायिक ज्ञान और प्रकृति एवं कल्याण के बारे में मानवता के सामूहिक ज्ञान का भंडार है और दुनिया ने पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ जोड़ने वाले एकीकृत स्वास्थ्य दृष्टिकोणों के प्रति फिर से अपनी सराहना व्यक्त की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन और जामनगर स्थित वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र साथ मिलकर काम करते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है. लक्ष्यों का मकसद अनुसंधान को सुदृढ़ करना, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बढ़ाना तथा यह सुनिश्चित करना है ताकि पारंपरिक चिकित्सा के लाभ सभी के लिए उपलब्ध हों.

उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर नई दिल्ली में राजदूतों के स्वागत समारोह का आयोजन किया. यह 17-19 दिसंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले दूसरे विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन का पूर्ववर्ती कार्यक्रम है. इस उच्च-स्तरीय बैठक में राजदूतों, उच्चायुक्तों और राजनयिक प्रतिनिधियों को शिखर सम्मेलन के विजन, वैश्विक स्वास्थ्य प्रासंगिकता और साक्ष्य-आधारित पारंपरिक चिकित्सा को आगे बढ़ाने में बहुपक्षीय सहयोग के अवसरों के बारे में जानकारी दी गई.

इस मौके पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) राजदूत सिबी जॉर्ज भी उपस्थित रहे. आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इसमें भाग लिया, जिनमें विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक की वरिष्ठ सलाहकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया विभाग की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोहेम, आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव मोनालिसा दाश, विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की एमेरिटस क्षेत्रीय निदेशक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक की पारंपरिक चिकित्सा पर वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पूनम खेत्रपाल और विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र की निदेशक डॉ. श्यामा कुरुविला शामिल हैं.

इस मौके पर

विदेश सचिव (पश्चिम) राजदूत सिबी जॉर्ज ने पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक ढांचे को आकार देने में भारत की भूमिका और इस शिखर सम्मेलन के अंतरराष्ट्रीय महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन समय-परीक्षित चिकित्सा परंपराओं को समकालीन वैज्ञानिक समझ के साथ एकीकृत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. कल्याण और संतुलन बहाल करने का साझा विजन सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में पारंपरिक चिकित्सा की बढ़ती वैश्विक सराहना को दर्शाता है.

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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी

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