बलरामपुर, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) . जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. चक्रवाती तूफान ‘मोथा’ के प्रभाव से खेतों में पककर तैयार खड़ी धान की फसलें अब पानी में डूबने लगी हैं. कई जगहों पर फसलें सड़ने लगी हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है. खेतों में जमा पानी से कटाई का कार्य भी ठप पड़ गया है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है.
प्रतापपुर क्षेत्र के कई किसान अपनी समस्याओं को लेकर साेमवार शाम काे क्षेत्र की विधायक शकुंतला पोर्ते से मिले. किसानों ने बताया कि लगातार बारिश के कारण फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है और हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं. खेतों में अब सिर्फ पानी और सड़ती हुई बालियाँ दिखाई दे रही हैं.
किसानों की व्यथा सुनने के बाद विधायक ने तत्काल बलरामपुर कलेक्टर से फोन पर बात कर प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराने और नुक़सान का आंकलन कर उचित मुआवज़ा देने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रभावित किसानों की सूची जल्द तैयार कर राहत राशि के वितरण की प्रक्रिया तेज़ की जाए.
इस मामले में विधायक शकुंतला पोर्ते ने आज मंगलवार काे कहा कि वर्तमान स्थिति बेहद गंभीर है और किसानों को तत्काल सहायता की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, “सरकार किसानों के साथ खड़ी है. किसी भी परिस्थिति में उन्हें अकेला नहीं छोड़ा जाएगा. जितना भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई शासन स्तर पर प्राथमिकता से की जाएगी.”
ग्रामीणों के अनुसार, बारिश के कारण खेतों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है. कई जगहों पर खेतों की मेड़ें टूट गई हैं और पानी निकासी की व्यवस्था न होने से फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं. किसानों का कहना है कि यदि समय रहते राहत कार्य नहीं शुरू हुए तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं.
स्थानीय कृषक रामलाल सिंह ने बताया, “हमने पूरी उम्मीद के साथ मेहनत की थी, लेकिन तूफान ने सब बर्बाद कर दिया. अब सिर्फ सरकार से मदद की आस है.” वहीं एक अन्य किसान ने कहा कि नुकसान का सर्वे जल्द से जल्द हो और मुआवज़ा सीधे किसानों के खाते में पहुंचे ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें.
फिलहाल प्रशासन ने निचले क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को खेतों का दौरा करने और स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उम्मीद की जा रही है कि जिला प्रशासन द्वारा अगले कुछ दिनों में नुकसान का आकलन कर राहत राशि जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
बेमौसम बारिश ने जहां किसानों की आजीविका पर संकट खड़ा कर दिया है, वहीं शासन और प्रशासन के लिए भी यह चुनौती बन गई है कि वे किस तरह तेजी से राहत पहुंचाकर किसानों की उम्मीदों को फिर से जीवित रख सकें.
—————
(Udaipur Kiran) / विष्णु पांडेय
You may also like

'नाम बड़े, दर्शन छोटे': राष्ट्रीय दल के मानदंडों से दूर, बिहार की क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्षों पर टिकी सियासी पहचान

Linking PAN with Aadhaar card: 31 दिसंबर तक नहीं किया यह काम तो बेकार हो जाएगा पैन कार्ड, एक्टिव रखने के लिए तुरंत फॉलो करें ये टिप्स

Bihar Assembly Elections: पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले प्रियंका गांधी ने कर दिया है ये बड़ा वादा

राहुल गांधी के आरोपों के बीच हरियाणा मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने साझा किए महत्वपूर्ण तथ्य

दुनिया के सबसे 'सेक्सी पुरुष' जोनाथन बेली को डेट पर पसंद है पार्टनर संग ये सब करना, नहीं बताया बॉयफ्रेंड का नाम





