Vastu Dosh Remedies : हर इंसान चाहता है कि उसके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। लेकिन कई बार बिना जाने-अनजाने हम ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो घर की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित कर देती हैं।
इन गलतियों को ही वास्तु दोष कहा जाता है। वास्तु दोष न केवल घर के माहौल पर असर डालता है, बल्कि यह परिवार की सेहत, रिश्तों और आर्थिक स्थिति तक को प्रभावित कर सकता है।
वास्तु दोष क्या होता है?
वास्तु दोष तब उत्पन्न होता है जब घर के निर्माण या सजावट में दिशा और ऊर्जा के संतुलन का ध्यान नहीं रखा जाता। उदाहरण के लिए –
मुख्य द्वार गलत दिशा में होना,
रसोई घर का दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना,
बेडरूम का उत्तर दिशा में होना,
या घर के कोनों में अंधेरा और गंदगी का जमाव होना।
ये सभी कारण घर की ऊर्जा को बाधित करते हैं और धीरे-धीरे नकारात्मक प्रभाव दिखाने लगते हैं।
कैसे पहचानें कि घर में वास्तु दोष है?
अगर आपके घर में लगातार समस्याएं बनी रहती हैं, तो यह वास्तु दोष का संकेत हो सकता है। जैसे –
घर के सदस्य बार-बार बीमार पड़ते हैं, बिना वजह तनाव या झगड़े बढ़ रहे हैं,
आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो रहा,
बच्चों की पढ़ाई में मन नहीं लग रहा,
या घर में हमेशा बेचैनी और उदासी का माहौल रहता है।
दीवारों में दरारें, छत से पानी टपकना, कोनों में अंधेरा या फफूंदी लगना भी इस बात का इशारा है कि आपके घर में वास्तु दोष मौजूद है।
वास्तु दोष के कारण
कई बार लोग घर बनाते या खरीदते समय दिशाओं का ध्यान नहीं रखते। कुछ आम गलतियां जो वास्तु दोष पैदा करती हैं —
मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में होना। रसोई घर का पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना। पानी की टंकी का दक्षिण दिशा में बनवाना। बेडरूम उत्तर-पूर्व दिशा में रखना। घर के अंदर गंदगी, टूटे सामान या पुराने जूते-चप्पल का जमा होना।
ये छोटी-छोटी बातें घर की ऊर्जा को अवरुद्ध करती हैं और धीरे-धीरे नकारात्मकता बढ़ाती हैं। वास्तु दोष का असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है। सेहत प्रभावित होती है और बार-बार बीमारियां घेर लेती हैं।
आर्थिक परेशानियां बढ़ती हैं और काम में रुकावटें आती हैं। रिश्तों में दूरी और गलतफहमियां बढ़ जाती हैं। घर का वातावरण तनावपूर्ण हो जाता है।
अगर इसे समय रहते ठीक न किया जाए तो यह समस्याएं लंबे समय तक बनी रह सकती हैं।
वास्तु दोष दूर करने के सरल उपाय
वास्तु दोष को ठीक करने के लिए किसी बड़े बदलाव की जरूरत नहीं होती। कुछ आसान उपाय अपनाकर घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाई जा सकती है —
मुख्य द्वार को साफ-सुथरा रखें और उस पर शुभ चिन्ह लगाएं। घर के कोनों को रोशन रखें ताकि अंधेरा न रहे।
पानी की टंकी उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। रसोई घर दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाएं। बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें।
दीवारों की दरारें तुरंत ठीक करवाएं। तुलसी का पौधा घर में लगाएं, यह घर की ऊर्जा को शुद्ध करता है। रोज सुबह धूप या अगर्बत्ती जलाएं ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा फैल सके।
टूटे-फूटे सामान और पुराने जूते बाहर निकालें। नियमित सफाई और रोशनी से नकारात्मकता दूर रहती है।
खुशहाल जीवन के लिए वास्तु संतुलन क्यों जरूरी है
वास्तु केवल दिशाओं का विज्ञान नहीं, बल्कि यह एक ऐसा संतुलन है जो प्रकृति, ऊर्जा और जीवन को जोड़ता है। अगर घर में वास्तु संतुलित रहता है, तो परिवार के बीच प्रेम बढ़ता है, आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और मानसिक शांति बनी रहती है।
छोटे-छोटे वास्तु सुधार आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इसलिए समय-समय पर अपने घर की दिशा और ऊर्जा की जांच करवाएं और जरूरत पड़ने पर वास्तु विशेषज्ञ की सलाह लें।
वास्तु दोष को नजरअंदाज करना घर की खुशहाली को धीरे-धीरे खत्म कर सकता है। लेकिन कुछ सकारात्मक बदलाव और सजगता से इसे दूर किया जा सकता है।
याद रखें, साफ-सुथरा, रोशन और संतुलित घर ही खुशहाल जीवन की नींव होता है।
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