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कॉल करने वाले का 'असली नाम' स्क्रीन पर फ्लैश! इस राज्य से शुरू, पूरे देश में कब आएगा ये जादू?

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अगर आप ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स के फेक नामों से तंग आ चुके हैं और स्पैम कॉल्स से जान छुड़ाना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए गेम-चेंजर है। सरकार की लंबे इंतजार वाली ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP)’ सर्विस का पायलट रन अब शुरू हो चुका है।

अब जब कोई आपको फोन घुमाएगा, तो स्क्रीन पर वही नाम चमकेगा जो उसने सिम लेते वक्त बताया था। वोडाफोन आइडिया (Vi) और जियो ने हरियाणा में इसकी लॉन्चिंग कर दी है। दूरसंचार विभाग (DoT) को पूरा यकीन है कि CNAP का देशव्यापी रोलआउट 31 मार्च 2026 तक हो जाएगा।

हरियाणा में धूम मचा रहा ट्रायल

DoT के सूत्र बता रहे हैं कि वोडाफोन आइडिया (Vi) ने हरियाणा सर्कल में अपना CNAP पायलट किकस्टार्ट कर दिया है। जियो भी उसी इलाके में देश के किसी कोने से आने वाली कॉल्स पर अपना ट्रायल चलाएगा। इशारा साफ है कि DoT फुल स्केल पर जल्द से जल्द全国 लॉन्च के लिए जोर लगा रहा है, और मार्च 2026 की डेडलाइन तक सब कुछ सेट हो जाएगा।

CNAP क्या है और ट्रूकॉलर को क्यों पछाड़ेगा?

CNAP यानी ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’। ये सरकारी स्कीम है जो यूजर्स को फ्रॉड कॉल्स, डिजिटल अरेस्ट और पैसे के घपलों से बचाएगी।

ट्रूकॉलर जैसे ऐप्स क्राउड-सोर्स्ड डेटा (लोगों के फोन में सेव नाम) पर चलते हैं, जो अक्सर गलत या भटकाने वाला होता है। लेकिन CNAP सीधे वेरिफाइड टेलीकॉम KYC डेटा (सिम लेते वक्त दिया नाम) से जुड़ा है, इसलिए ये सुपर रिलाएबल है।

अब ये फीचर खुद-ब-खुद ऑन रहेगा

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने DoT के प्लान पर हामी भर दी है कि CNAP सभी यूजर्स के लिए डिफॉल्ट ऑन होगा। मतलब, सेटिंग्स में घुसने की झंझट नहीं – ये ऑटोमैटिक चलेगा। ये फरवरी 2024 की TRAI सलाह से उलट है, जहां कहा गया था कि सिर्फ रिक्वेस्ट पर ऑन हो। DoT ने कहा कि डिफॉल्ट रखो, यूजर चाहे तो ऑफ करवा ले।

वैसे, TRAI के सितंबर डेटा में सरकारी BSNL ने फिर बाजी मारी। सितंबर 2025 में BSNL ने 5.24 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े, जो एयरटेल के 4.37 लाख से कहीं ज्यादा हैं।

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